अटल के राष्ट्रधर्म का मोदी युग में हुआ अंत

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गई मासिक पत्रिका ‘राष्ट्रधर्म’ के भविष्य पर अब संकट मंडराने लगा है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रधर्म पत्रिका की डायरेक्टेट ऑफ एडवरटाइजिंग एंड विजुअल पब्लिसिटी की मान्यता को रद्द कर दिया है।

मतलब कि लगभग 69 साल पुरानी संघ से जुड़ी इस पत्रिका को अब सरकारी विज्ञापन नहीं मिला करेंगे। आपको बता दें कि राष्ट्रधर्म पत्रिका की शुरुआत 1947 में हुई थी, अटल बिहारी वाजपेयी इस पत्रिका के संस्थापक संपादक थे। तो वहीं जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय पत्रिका के संस्थापक प्रबंधक थे।

इस पत्रिका का मकसद संघ के द्वारा राष्ट्र के प्रति लोगों के धर्म के बारे में जागरुक करने का था। सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कुल 804 पत्र पत्रिकाओं की DAVP मान्यता रद्द कर दी गई है।