आइंस्टीन के आईक्‍यू लेवल से भी अधिक है इस लड़के का आईक्‍यू

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ऋत्विक चंद्रोकर और उनकी पत्‍नी सोनाली की खुशी की ठिकाना नहीं है. दरअसल, उनके 11 साल के बच्‍चे अखिलेश चंद्रोकर को आईक्‍यू टेस्‍ट में 160 अंक मिले हैं. आईक्यू टेस्ट लेने वाली वैश्विक संस्था मेनसा से की ओर से भेजी गई चिट्ठी में यह जानकारी दी गई थी. इसमें बताया गया था कि अखिलेश उन दो फीसद लोगों में शामिल हो गया है, जिनका आईक्यू लेवल दुनिया में सबसे अधिक है.

माना जाता है कि अल्बर्ट आइंस्टीन और भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंस का आईक्‍यू लेवल भी इतना ही है. अखिलेश ने बताया कि उसे उम्‍मीद थी कि वह 140 के आस-पास स्कोर करेगा. इस टेस्ट के बाद हम लगातार रिजल्ट के लिए मेल चेक कर रहे थे. मगर, बेहतरीन सरप्राइज है कि मेनसा ने रिजल्ट पारंपरिक पोस्टल मेल के जरिए भेजा गया. आईक्‍यू जांचने वाली संस्‍था मेनसा की स्थापना 1946 में ऑस्ट्रेलियाई बैरिस्टर रॉलैंड बेरिल और वैज्ञानिक डॉ. लैंस वेयर ने ऑक्सफोर्ड में की थी. इसके बाद यह संस्था पूरे विश्वभर में फैल गई.

मूल रूप से नागपुर के ऋत्विक और सोनाली की अपनी टेक कंपनी है. करीब एक दशक तक वह स्‍कॉटलैंड में रहकर सॉफ्टवेयर फील्‍ड में काम कर चुके हैं. अखिलेश का जन्म नागपुर में हुआ है, लेकिन उसने शुरुआती पढ़ाई स्कॉटलैंड में की थी. कुछ साल पहले ही यह परिवार नागपुर आकर बसा है.

सोनाली ने बताया कि अखिलेश जैन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है. वह छुट्टी पर स्कॉटलैंड गया था, जहां उसने जून में मेनसा टेस्ट दिया था. हैरी पॉटर के फैन अखिलेश खगोल वैज्ञानिक बनना चाहता है. उसने बताया कि वह फिलहाल ब्लैक होल थ्योरी पर काम कर रहा है. सोनाली ने बताया वह चार साल की उम्र में ही जिगशॉ पजल हल करता था, जो कि सामान्यतः 9 साल के बच्चे कर सकते हैं. वह अच्छा रीडर है. मेनसा टेस्ट के लिए न्यूनतम 10 साल की उम्र पूरी हो जाने के बाद हमने तय किया कि हम उसे इस एग्जाम में बिठाएंगे.