अभी हाल ही में इलाहाबाद में अभिषेक बच्चन के साथ एश्वर्या ने अपने पिता की अस्थियों को संगम में विसर्जित किया. अभिषेक व ऐश्वर्या के संग में उनकी बेटी आराध्या भी संग थी. अमिताभ बच्चन के पूर्व संसदीय क्षेत्र इलाहाबाद में उनके परिवार के सदस्यों ने पूजा-अर्चना करने के साथ संगम पर स्नान भी किया. सुबह ऐश्वर्या पति अभिनेता अभिषेक बच्चन, बेटी आराध्या, मां वृंदा राय व भाई आदित्य राय के साथ इलाहाबाद पहुंचीं. अस्थि विसर्जन कराने के लिए वाराणसी से पुरोहित साथ आए थे. लेकिन अब एक बार फिर से उनके बारे में हमे कुछ नया फ़साना सुनने को मिल रहा है. जी हां बता दे कि यहां के क्लाइव रोड स्थित ‘फूलों के बंगला’ के बाहर शनिवार की रंगत बदली-बदली सी रही. ससुर कृष्ण राज राय का अस्थि विसर्जन करने इलाहाबाद पहुंचे अभिषेक बच्चन को अपने ही घर के अंदर जाने को नहीं मिला.
वो घर के बाहर खड़े होकर फोन मिलाते रहे. लेकिन केयर टेकर कृष्ण कुमार पांडेय ने घर का दरवाजा खोलने से मना कर दिया. जिसकी वजह से वो मायूस होकर वहां से मुंबई के लिए निकल गए. उनके साथ ऐश्वर्या और बेटी आराध्या भी घर के बाहर खड़ी रहीं. इसके पीछे की पूरी कहानी कुछ यु है के फूलों वाले बंगले के पास रहने वाले रवींद्र मिश्रा के मुताबिक, 1984 में चुनाव के दौरान जब अमिताभ अपनी कन्वेसिंग के लिए इलाहाबाद आए थे, तो उन्होंने इस मकान को अपना मकान बताया था. इससे नाराज होकर बंगले के मालिक श्री शंकर तिवारी ने कहा था- बंगले का मालिक मैं हूं. बाबू जी और अमिताभ यहां 16 रुपए देकर किराए पर रहा करते थे. किराए पर रहने से मकान उनका नहीं हो जाएगा. तभी से तिवारी जी ने बच्चन परिवार के किसी भी मेंबर की इस बंगले में एंट्री बैन कर दी. हालांकि, श्री शंकर तिवारी अब जिंदा नहीं हैं. लेकिन उनका केयर टेकर कृष्ण कुमार पांडेय आज भी उनके इस नियम फॉलो कर रहा है.