आज सिनेमाघरों में रिलीज बेगम जान

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बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म ‘बेगम जान’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है । ‘बेगम जान’ साल 2015 में आई बांग्ला फिल्म ‘राजकहिनी’ की हिंदी रीमेक है। फिल्म की कहानी 1947 में अंग्रेजों से मिली आजादी के बाद हुए विभाजन पर आधारित है जिसमें विद्या वैश्याघर की मुखिया की भूमिका निभा रही हैं। फिल्म का निर्देशन श्रीजीत मुखर्जी ने किया है वो नेशनल अवॉर्ड विनर हैं।

बांग्ला में भी यह फिल्म मुखर्जी ने ही निर्देशित की थी। हम आपको यहां बता रहे हैं कि ये फिल्म कैसी और समीक्षकों ने इसके बारे में क्या लिखा है और कैसी रेटिंग दी है। लेखक-निर्देशक श्रीजित मुखर्जी ने फिल्‍म के मुद्दे को सही संदर्भ और परिवेश में उठाया, लेकिन बेगम जान की कहते-कहते वे कहीं भटक गए। उन्‍हें नाहक जौहर का रास्‍ता अपनाना पड़ा और पृष्‍ठभूमि में त्रवो सुबह कभी तो आएगी’ गीत बजाना पड़ा।

अपने उपसंहार में यह फिल्‍म दुविधा की शिकार होती है। अहम मुद्दे पर अहमकाना तो नहीं,लेकिन बहकी हुई फिल्‍म हमें मिलती है।’ विद्या बालन के बारे में उन्होंने लिखा है, ‘विद्या बालन ने बेगम जान के किरदार को तन-मन दिया है। उन्‍होंने उसके रुआब और शबाब को संजीदगी से पर्दे पर उतारा है। उनकी संवाद अदायगी और गुस्‍सैल अदाकारी बेहतरी है। उनका किरदार दमदार है, लेकिन अंतिम फैसले में वह आदर्श के बावजूद कमजोर पड़ जाती है। यह विद्या की नहीं, लेखक-निर्देशक की कमजोरी है। सहयोगी किरदारों की छोटी भूमिकाओं में अभिनेत्रियों (दर्जन भर) ने बेहतर काम किया है। मास्‍टरजी और सुजीत बने अभिनेताओं विवेक मुश्रान और पितोबोस का काम यादगार है।