अगर आपका बच्चा स्मार्टफोन लेने की जिद करता है और स्मार्टफोन न मिलने पर उसके व्यवहार में बदलाव आता है तो ये सावधान होने वाली स्तिथि है।
अक्सर बच्चों को चुप करवाने या आपकी कोई बात मनवाने के लिए आप बच्चों को स्मार्टफोन थमा देते हैं तो ध्यान दीजिए आपका ये तरीका गलत है। ये आपके बच्चे की हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। यह पिछले दिनों हुई एक रिसर्च में सामने आया है। सर्वे में पाया गया कि बच्चों द्वारा डिजीटल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल उनकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। यह बच्चे की सम्पूर्ण विकास और उसकी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है।
विशेषज्ञों ने माना कि कुछ जगहों पर जैसे प्लेन में, मेडिकल चेकअप के वक्त डिजीटल मीडिया यानि टचस्क्रीन का इस्तेमाल अच्छा भी होता है। लेकिन बच्चों को शांत कराने या अपनी बात मनवाने के लिए स्मार्टफोन देखा ठीक नहीं। अगर आप बच्चों को बार-बार स्मार्टफोन देते है तो बच्चे के इमोशंस भी कंट्रोल होते हैं जो कि बच्चे के लिए सही नहीं।
आज के समय प्राय: यह देखने में आया है कि डिजिटल मीडियम बच्चों के जीवन का अभिन्न अंग बनता जा रहा है। लेकिन ये भी सही है कि इससे बच्चें का विकास रूक जाता है। दरअसल, शुरूआती समय में बच्चे के दिमाग का विकास तेजी से होता है।
ऐसे में बच्चे को प्राकृतिक तरीके के बजाय स्मार्टफोन जैसे गैजेट्स देने से बच्चे के खेलने की दुनिया सीमित हो जाएगी। बच्चे के इमोशंस, उसके सोने का टाइम सभी कंट्रोल हो जाएंगे। इस तरह से गैजेट्स आपके बच्चे की दुनिया को सीमित कर देते हैं।