इन खास तरीको से अपनी किडनी को रखें स्वस्थ

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एक ताजा अनुमान  के अनुसार 17 प्रतिशत शहरी भारतीय किडनी के रोग से पीड़ित हैं। हमारे शरीर में राजमा के शेप की दो किडनी होती है। अगर एक खराब हो जाए तो भी दूसरे के सहारे सामान्य जीवन जिया जा सकता है। किडनी में खराबी किसी भी उम्र हो सकती है। इसके दो प्रमुख कारण- डायबिटीज और हाईब्लड प्रेशर हैं। इसके अलावा दिल का रोग भी एक कारण होता है। ऐसे में किडनी संबंधी रोग से बचने का उपाय तो अपनाएं ही, साथ ही आठ ऐसे नियम हैं, जिन्हें अपनाकर गुर्दे की बीमारी से बचा जा सकता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा कि किडनी के क्षतिग्रस्त होने का पता लगाने के लिए पेशाब की जांच और किडनी कैसे काम कर रही हैं, इसके लिए रक्त की जांच की जाती है। पेशाब की जांच से एल्बुमिन नामक प्रोटीन का पता चलता है, जो सेहतमंद किडनी में मौजूद नहीं होता।

उन्होंने बताया कि रक्त जांच ग्लूमेरुलर फिल्ट्रशन रेट की जांच करता है। यह किडनी की फिल्टर करने की क्षमता होती है। 60 से कम जीएफआर किडनी के गंभीर रोग का संकेत होता है। 15 से कम जीएफआर किडनी के फेल होने का प्रमाण होता है।

डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि किडनी  की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए शरीर में पानी की उचित मात्रा रखनी होती है। इससे किडनी की लंबी बीमारी का खतरा बेहद कम हो जाता है। किडनी  के रोग पाचनतंत्र के विकार और हड्डियों के रोग से जुड़े होते हैं और यह पेरिफेरल वस्कुलर रोगों, दिल के रोगों और स्ट्रोक जैसी बीमारियों के लिए बड़े खतरे का कारण होते हैं।
किडनी फेल होने से बचाने के 8 नियम :
1- तंदुरुस्त और सक्रिय रहें। इससे आपका रक्तचाप कम रहता है, जो किडनी की सेहत बनाए रखता है।
2- ब्लड शुगर को नियमित रूप से नियंत्रित रखें, क्योंकि डायबिटीज वाले लोगों के किडनी क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता है।
3-ब्लड प्रेशर की निगरानी रखें। यह किडनी की क्षति का आम कारण होता हैं। सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। 128 से 89 को प्री-हाईपरटेंशन माना जाता है और इसमें जीवनशैली और खानपान में बदलाव करना होता है। 140/90 से अधिक होने पर अपने डॉक्टर से खतरों के बारे में बात करें।