इन पत्तो को जलाने से मिर्गी रोग होती है दूर

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तेजपत्ते का उपयोग अक्सर भारतीय रसोई में भोजन में उपयोग में किए जाने वाले एक मसाले के रुप में किया जाता है। जो कि भोजन के जायके को बढ़ाने के साथ-साथ उसकी सुगंध को भी दुगुना कर देता है। लेकिन मसाले के रुप में ही नहीं तेजपत्ते में औषधिय गुणों की मात्रा की भी अधिकता होती है। जिसके कारण इसका उपयोग भोजन के साथ साथ ही शरीर को स्वस्थ रखनें के लिए भी किया जाता है।
तेजपत्ते के स्वास्थ्यवर्धक औषधीय गुणों के कारण इसे कई खतरनाक बीमारियों में लाभकारी माना जाता है। आज हम बताने जा रहे है तेजपत्ते को जलाने पर होने वाले उपयोगी प्रभाव के बारे में।

जी हां हमारा स्वभाव विभिन्न तरह से वातावरण पर निर्भर करता है। हमारे आस-पास की सुगंध और दुर्गन्ध हमारे व्यवहार पर असर डालती है। आपको बता दें कि यदि आप घर में तेजपत्ते को जलाएगें तो ये ना सिर्फ आपके वातावरण के लिए ठीक रहेगा बल्कि आपके स्वभाव के लिए भी बेहद सकारात्मक सिध्द होगा।
तेजपत्ते को जलाने का ये उपयोग प्राचीनकाल से चला आ रहा है। तेजपत्ते को जलाने पर उससे निकलनें वाला धुंआ आस-पास के वातावरण में कुछ इस तरह से परिवर्तन कर देता है कि आप और आपके आस-पास के लोगों का व्यवहार खुशमिजाज हो जाएगा। हमारे आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा हमारे द्रारा अच्छे व्यवहार को बूरे व्यवहार की तरफ बदल देती है।

तेजपत्ते को जलाने के फायदे-

मिर्गी रोग में फायदेमंद- तेज पत्ते में एंटीइनफ्लेंमैंटरी होता है। यदि आप मिर्गी के मरीज है, या फिर आपके घर में इस रोग का रोगी है तो तेजपत्ते का धुंआ इस रोग के लिए रामबाण इलाज है।
कॉकरोच को दूर भगानें में सहायक- कॉकरोच को भगाने के लिए बाजार में कई सारे प्रोडक्ट्स पाए जाते है। जो कि बेहद मंहगें और हमारे लिए तथा बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक होते है। अगर कॉकरोच से परेशान है तो तेजपत्ते को जलाकर अपनी रसोई, गार्डन के कोनो में रख दे। कॉकरोच भगाने के साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद असरकारक होता है।