उत्तर भारत में गर्मियां शुरू हो चुकी है…साथ ही जल्द ही स्कूलों की छुट्टियाँ भी शुरू हो जाएँगी.ऐसे में बात आती है कि, इन गर्मियों कहां की सैर की जाए..तो अगर आप भी इसी कसमकश में हैं तो आज हम आपको बताने जा रहें हैं पहाड़ों की रानी मसूरी के बारे में. सूरी के बारे में कहा जाता है कि यहां पुराने डाक बंगले और प्राचीन मंदिर बहुसंख्या में हैं. गढ़वाल पर्वत श्रृंखला पर समुद्र तल से 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मसूरी हनीमून कपल्स के लिए वाकई किसी स्वर्ग से कम नहीं.
कैम्पटी फॉल ऊंचे पहाड़ों से गिरता यह जलप्रपात इस वादी का वास व्यू प्वाइंट है. यहां गर्मियों में, क्या बच्चे और क्या जवान सभी ठंडे पानी की बौछारों का जमकर लुत्फ उठाते हैं. यह जगह मसूरी से 15 किमी दूर स्थित है.यहां उपलब्ध नौकायन और टौयट्रेन की सुविधा बच्चोंको खास लुभाती है.यही नहीं, यह स्थल पिकनिक मनाने के इच्छुक लोगों में बहुत लोकप्रिय है. यह झरना 5 अलगअलग धाराओं में बहता है.
गन हिल मसूरी की दूसरी सब से ऊंची चोटी तक पहुंचने का सफर आप रोपवे के जरिए कर सकते हैं.20 मिनट का यह रोमांचकारी सफर आप जिंदगी भर नहीं भूलेंगे. यहां से आप विभिन्न शृंखलाओं, जैसे बदरपूंछ, श्रीकंठ,पीठवारा व गंगोतरी ग्रुप के अनुपम सौंदर्य को भी जी भर कर निहार सकते हैं.यहां से पूरा मसूरी शहर नजर आता है.
धनोल्टी टिहरी सड़क पर स्थित धनोल्टी एक शांत सी जगह है. यह जगह ऊंचे-ऊंचे देवदार वृक्षों व खूबसूरत फलों के बगीचों के कारण प्रसिद्ध है. शहर की भीड़ से दूर यहां के टूरिस्ट बंगले में समय बिताना अपने-आप में एक अलग तरह का अनुभव होगा. आप चाहें तो मसूरी के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में अपना समय बिता सकती है.इनके अतिरिक्त यमुना ब्रिज, चंबा, लखा मंडल व सुरखंडा देवी यहां के कुछ अन्य दर्शनीय स्थल हैं. अप्रैल के महीने में मसूरी आने पर लक्ष्मण सिद्ध मेला घूमना न भूलें.
मसूरी झील मसूरी-देहरादून रोड पर यह एक नया पिकनिक स्थल है. यह मसूरी से लगभग 6 किलोमीटर दूर है.यहां पर्यटक पैडल बोट का लुत्फ उठा सकते हैं. यहां से दून घाटी और आसपास के गांवों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है.
क्लाउड्स एंड सन् 1838 में एक ब्रिटिश मेजर द्वारा बनवाया गया यह पुराना बंगला अब होटल में परिवतर्ति हो चुका है. चारों तरफ घने जंगलों से घिरे इस बंगले से बर्फ की चादर ओढ़े हिमालय पर्वतमाला व यमुना नदी का मनोरम दृश्य आपको दिखाई देगा.
भट्टा फौल यह फौल मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से 7 किलोमीटर दूर स्थित है. पर्यटक बस या कार द्वारा यहां पहुंच कर आगे की 3 किलोमीटर दूरी पैदल तय कर के झरने तक पहुंच सकते हैं.
लाल टिब्बा लाल टिब्बा मसूरी की सर्वाधिक ऊंची चोटी है. आप यहां से दूरबीन की मदद से गंगोत्तरी, बदरीनाथ, केदारनाथ, नंदा देवी और श्रीकांता की चोटियों का विहंगम दृश्य देख सकते हैं.
नाग टिब्बा यह मसूरी से 55 किमी की दूरी पर है..यह ट्रेकिंग के बेस्ट जगह है. यह समुद्र तल से 10 हजार की फीट पर स्थित है.
कैमल बैक रोड 3 किमी लंबा यह रोड रिंक हॉल के समीप कुलरी बाजार से आरंभ होता है जो लाइबे्ररी बाजार पर जा कर समाप्त होता है. इस रास्ते पर पहाड़ी का आकार कुछ-कुछ ऊंट की पीठ की भांति दिखाई देता है. इसलिए इस सड़क का नाम कैमल्स रोड़ पड़ गया. यहां की खास बात यह है कि पूरे रास्ते में जगह-जगह पर थकान मिटाने तथा प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने के लिए हवा घर बने हुए हैं.
दी माल इसे मॉल रोड के नाम से भी मसूरी में जाना जाता है..यह मसूरी का मार्केट है..जहां आपको आपकी जरूरत के सभी सामान वाजिद दामों में मिल जायेंगे.
खरीददारी आप गांधी चौक, कलरी बाजार व लैनड्योर बाजार से छडि़यां, हाथ के बुने आकर्षक डिजाइनों के स्वैटर व कार्डिगन खरीद सकते हैं. यहां आने पर ट्रेक हिमालयन औफिस के पास स्थित दुकानों से एंटिक सामान खरीदना न भूलिए. ब्रिटिशकाल के फर्नीचर व अन्य दुर्लभ वस्तुएं यहां उचित दामों पर मिलती हैं.
कब आयें गर्मी से राहत पाने के लिए मसूरी जाना चाहते हैं तो अप्रैल से जून के बीच मसूरी जाएं. जुलाई से सितंबर तक यहां बरसात का आनंद लिया जा सकता है. यदि वहां घूमने-फिरने जाना चाहते हैं तो इसके लिए उत्तम समय अक्टूबर से दिसम्बर के बीच का है. यहां जनवरी से फरवरी के बीच में हिमपात होता है.
कैसे पहुंचे हवाई यात्रा दिल्ली से मसूरी जाने के लिए आपको जॉली ग्रांट एयरपोर्ट तक फ्लाइट लेनी होगी. यह मसूरी का निकटतम हवाई अड्डा है मसूरी से 60 किमी दूर. रेल – अगर आप चाहें तो दिल्ली से देहरादून के लिए ट्रेन से जा सकते हैं. निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून दिल्ली से मात्र 35 किमी दूर है. वैसे दिल्ली के अतिरिक्त सहारनपुर, वाराणसी, हावड़ा व अमृतसर से भी यहां के लिए ट्रेनें सुलभ हैं. आगे का सफर आप टैक्सी या बस द्वारा आसानी से तय कर सकते हैं. सड़क द्वारा मसूरी आसानी से भारत के अन्य भागों से हवाई, रेल और सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है