आपने देखा ही होगा की मंदिर का दिया अक्सर घी या तेल से जलता है लेकिन क्या आपने सुना है की कोई दिया हो जो की पानी से जलता हो। नहीं ना और आप शायद यकीन भी नहीं करेंगे। क्योंकि हम बोल ही ऐसी बात रहे है की आप भी यकीन नहीं होगा। हम कोई कहानी नहीं कह गहरे है हम जो भी बता रहे है सच बता रहे है।
नलखेड़ा गाँव से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर गाड़िया गांव के पास कालीसिंधी नदी के किनारे स्थित माता के मंदिर में ऐसे ही चमत्कार देखने को मिलते है। जहाँ दिया तेल या घी से नहीं बल्कि पानी से जलता है। कालीसिंध नदी के किनारे स्थित माता के इस मंदिर में होने वाले चमत्कार को देखकर किसी भी व्यक्ति का सिर अपने आप ही श्रद्धाभाव से झुक जाता है।
मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी सिद्धूसिंह जी के अनुसार पहले मां के दरबार में हमेशा तेल का दीपक जला करता था। लेकिन बहुत समय पहले मंदिर के पुजारी को स्वप्न में पानी से दिया जलाने को कहाँ, तब से इस मंदिर में दिए को पानी से ही जलाया जाता है। माता के इसी चमत्कार को देखने के लिए आज लोग दूर-दूर से आते हैं और मां के चरणों में शीश नवाते है।