बहराइच : आपको मोगली तो याद ही होगा, जो जंगलों में जानवरों के साथ रहता था. हालाँकि वह काल्पनिक कहानी थी, लेकिन हाल ही में यूपी के बहराइच में ऐसी असल कहानी सामने आई है. यहां जिला अस्पताल में कुछ दिन पहले कतर्नियाघाट के जंगलों से लाई गई 10 वर्षीय रहस्यमय लड़की सबके कौतुहल का विषय बनी है. अस्पताल स्टाफ व पुलिस मानती है कि इस इंसान की लड़की की परवरिश बंदरों के बीच हुई. लगभग 3 माह पहले इसे जंगलों में लकड़ी बीनने वालों ने देखा था. लड़की के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था लेकिन वह इस सबसे बेफिक्र थी. लकड़हारे इसके पास गए तो बंदरों ने लड़की को घेरे में ले लिया और किसी को पास नहीं फटकने दिया. सूचना आसपास के गांवों में फैल गई.
दर्जनों बंदर घने जंगल में उसकी निगरानी कुछ इस तरह करते थे जैसे बालिका उनके परिवार की एक सदस्य हो. सूचना मोतीपुर पुलिस को दी गई. इस पर पुलिस जंगल में पहुंची लेकिन बालिका नहीं दिखाई पड़ी. 20 जनवरी की रात यू.पी. 100 की टीम रात्रि गश्त के दौरान जंगल से गुजर रही थी कि तभी उसे यह लड़की बंदरों के बीच दिखी. कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस जवानों ने लड़की को बंदरों के छुड़वाकर गाड़ी में बैठाया. जख्मी बालिका को अस्पताल में भर्ती कराया. हालत में सुधार न होने पर 25 जनवरी को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया. धीरे-धीरे बालिका की हालत में सुधार आया.
बालिका लोगों को देखकर बंदरों की तरह गुर्राने लगी. हाव-भाव भी बंदरों जैसा है. स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भोजन देने पर थाली से नीचे गिरा देती है और बैड पर बिखेर कर खाना खाती है. मोतीपुर एस.ओ. राम अवतार यादव ने बताया कि लड़की जंगल में नग्न अवस्था में बंदरों के साथ पाई गई थी. इस दौरान बाल और नाखून बढ़े हुए थे. शरीर पर कई जगह जख्म भी थे. बालिका की उम्र लगभग 10 वर्ष है. बालिका न बोल पाती है और न ही लोगों की बात समझ पाती है.10:25 AM