ऐसे हटाये चेहरे की झाइयां

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लेजर और एंटीऑक्सीडेंट्स के माध्यम से झाइयों को हटाने के में सबसे सरल परिणाम सामने आने लगे है।

झाइयों के इलाज में विशेष प्रकार की लेजर किरणों का प्रयोग किया जाता है, जिसकी ऊर्जा का सही चयन करना महत्वपूर्ण होता है। कुशल और अनुभवी लेजर सर्जन से ही इलाज करवाना चाहिए। सही ऊर्जा न होने पर पहले से ही संवेदनशील त्वचा में पोस्ट इन्फ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन जैसे साइड इफेक्ट्स की संभावना रहती है। त्वचा में पिग्मेंटेशन की गहराई (एपीडर्मिस यानी त्वचा की ऊपरी पर्त और डर्मिस यानी त्वचा की मध्य पर्त) का भी ध्यान रखना होता है।

लेजर चिकित्सा में 15 से 20 मिनट का समय लगता है और इलाज को 15 दिन के अंतराल पर आवश्यकता के अनुसार अमूमन चार से छह बार लेना होता है । इलाज के दौरान धूप से बचाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। वहीं जो लोग किन्हीं कारणोंवश लेजर ट्रीटमेंट नहीं करवा सकते हैं, तो ऐसे शख्स विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह और उनकी देखरेख में विभिन्न केमिकल पील जैसे ग्लाइकोलिक पील और लैक्टिक पील आदि की मदद से झाइयां दूर करवा सकते हैं।

मिलैनिन को दूूर करना लेजर द्वारा झाइयों और मिलैनिन को धीरे-धीरे समाप्त करने के साथ ही साथ मिलैनिन(त्वचा की रंग कणिकाएं) बनने की प्रवृत्ति को ठीक करना भी आवश्यक है, क्योंकि ऐसा न करने पर पुन: झाइयां बनने की संभावना बनी रहती है। इसके लिए एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा फैटी एसिड्स का समुचित और लंबे समय( तीन से छह महीने) तक प्रयोग करना होता है। इसके अलावा शरीर में होने वाले किसी भी तरह के हार्मोन से संबंधित असंतुलन जैसे थायरायड, पीसीओडी आदि समस्याओं के लिए जांचें और फिर इनका इलाज कराना भी जरूरी है । झाइयों का संबंध न केवल त्वचा से होता है बल्कि अंदरूनी अंगों जैसे लिवर एंजाइम्स और मेटाबॉलिक रसायनों और हार्मोंनों से भी होता है। इसलिए स्वस्थ जीवन-शैली और स्वस्थ भोजन भी त्वचा की कांति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।