मुंबई इंडियन्स के आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि उनके कप्तान रोहित शर्मा ने अंपायर के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया था और वे केवल नियमों को स्पष्ट कर रहे थे. आखिरी ओवर में जब मुंबई को 17 रन की दरकार थी तब रोहित क्रीज पर थे. पहली गेंद पर हार्दिक पंड्या का विकेट गंवाने के बाद रोहित ने अगली गेंद पर छक्का लगाया था. इसके बाद उनादकट ने देखा कि रोहित आफ स्टंप से बाहर आकर खेल रहे हैं तो उन्होंने गेंद काफी बाहर कर दी. रोहित को लगा कि यह वाइड है लेकिन अंपायर एस रवि ने उसे वाइड नहीं दिया.
रोहित अंपायर के पास गये और उन्होंने इसका विरोध किया. इसके लिये उन पर मैच शुल्क का 50 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया है. बता दें कि आइपीएल 10 के 28वें मैच में मुंबई और पुणे के बीच हुए मुकाबले के बाद अंपायरों और मैच रेफरी ने अंपायर के फैसले का विरोध जताने के लिए रोहित शर्मा पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया है. मामला यहां तक बढ़ गया था कि लेग अंपायर नंद किशोर को आकर दोनों को अलग करना पड़ा था.
हरभजन ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘गेंद काफी बाहर थी लेकिन मैं वास्तव में नहीं जानता कि यह वाइड थी या नहीं. अगर बल्लेबाज के दोनों पांव उस तरफ मूव करते हैं तो फिर गेंदबाज को भी उतना अंतर मिलना चाहिए लेकिन रोहित ने एक ही पांव उस तरफ बढ़ाया था और मेरे हिसाब से उसे वाइड होना चाहिए था. लेकिन हमें अंपायर के फैसले के हिसाब से चलना होगा और उन्होंने हमसे बेहतर खेल दिखाया और यह क्रिकेट का शानदार मैच था.
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