करारी हार के बाद मायावती अब कर सकती है गठबंधन

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार की कसक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती के चेहरे पर एक बार फिर दिखाई दी. मायावती ने अंबेडकर जयंती के मौके पर साफ तौर पर कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मुद्दे को वह हल्के में छोड़ने वाली नहीं हैं. इस मुद्दे को लेकर वह किसी भी पार्टी के साथ खड़ी हो सकती हैं. लखनऊ में अंबेडकर जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बसपा अध्यक्ष ने कहा, “ईवीएम के मुद्दे को लेकर हम दूसरी पार्टियों के साथ हाथ मिलाने को भी तैयार हैं.” मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन सीटों पर भाजपा कमजोर थी, उस पर भी उसकी जीत हुई है.

मायावती ने कहा, “भाजपा के खिलाफ बसपा किसी भी पार्टी के साथ जाने को तैयार है.” उन्होंने कहा, “देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए, मैं कदम पीछे खींचने वाली नहीं हूं. हमारी पार्टी भाजपा द्वारा ईवीएम की गड़बड़ी के खिलाफ बराबर संघर्ष करेगी और इसके लिए भाजपा विरोधी दलों से भी हाथ मिलाना पड़ा तो अब उनके साथ भी हाथ मिलाने में परहेज नहीं है.” मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद कुमार को पार्टी उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान किया और भाजपा के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाते हुए भाजपा विरोधी दलों से हाथ मिलाने के संकेत दिए.

मायावती ने कहा, “मैंने इस शर्त के साथ आनंद कुमार को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का फैसला लिया है कि वह हमेशा नि:स्वार्थ भावना से कार्य करेंगे और कभी भी सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. इसी शर्त के साथ मैं उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित कर रही हूं.”