चाय पीना हमेशा नुकसानदायक ही नहीं होता है। विशेषज्ञों ने दावा किया है कि चाय पीने वालों को टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। इससे ब्लड शुगर के स्तर के तेजी से बढ़ने की आशंका घटती है, जो मीठे खाद्य और पेय पदार्थों के सेवन से बढ़ जाता है। एक शोध में पाया गया है कि सुक्रोज से लैस पेय पदार्थ देने के बावजूद वयस्कों के शरीर में चाय से शक्कर के स्तर में गिरावट आई।
जानलेवा खतरों का कम करता है टी एडवाइजरी पैनल के एक अध्ययन में बताया गया है कि चाय की पत्तियों में मौजूद पॉलीफेनॉल्स शक्कर को खून में घुलने से रोकते हैं। खून में चीनी की मात्रा नियंत्रित करने के गुण के कारण चाय शरीर को एक घातक स्थिति की तरफ जाने से रोकती है। चाय, पहले से ही टाइप 2 डायबिटीज के शिकार लोगों में समस्या के जानलेवा होने के खतरों को भी कम करती है।
ग्लाइकेमिक इंडेक्स को भी कम करता है
टी एडवाइजरी पैनल के डॉक्टर टिम बॉन्ड ने कहा कि चाय में मौजूद पॉलीफेनॉल मीठे पेय पदार्थों के ग्लाइकेमिक इंडेक्स को भी घटाता है। इसके अलावा यह पेय पूरी तरह से इंसुलिन मुक्त होता है, जिसके कारण रक्त में ग्लूकोज का स्तर घटता या बढ़ता है। शोधकर्ताओं ने चाय के सेवन के प्रभाव की जांच 24 लोगों पर की। इनमें से आधे लोगों के ब्लड शुगर का स्तर सामान्य था।
खून के नमूने से हुआ परीक्षण
परीक्षण से एक दिन पहले इन लोगों से सामान्य तरीके से खाने और कोई व्यायाम न करने को कहा गया। सभी को कम शक्कर के स्तर वाला भोजन रात में खाने को दिया गया। अगले दिन सुबह सभी के रक्त के नमूने लिए गए। इन सभी को पॉलीफेनॉल या प्लेसिबो से लैस मीठे पेय दिए गए और एक बार फिर उनके रक्त के नमूने लिए गए। इस परीक्षण को कम से कम तीन बार आधे घंटे, एक घंटे, डेढ़ घंटे और दो घंटे दोहराया गया।
चाय पीने वालों के शुगर लेवल में कमी
प्लेसिबो से लैस मीठे पेय पीने वाले वॉलंटियरों के ब्लड शुगर स्तर में इजाफा देखने को मिला। हालांकि पॉलीफेनॉल्स से लैस पेय पीने वालों के ब्लड शुगर में गिरावट दर्ज की गई। यह शोध एशिया पैसिफिक जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित हो चुका है।