वैज्ञानिकों ने अपने नए अध्ययन में सपनों के लिए जिम्मेदार मस्तिष्क के एक खास भाग के बारे में बताया है कि हमारे मस्तिष्क के पिछले हिस्से कॉर्टिकल ‘हॉटजोन’ के सक्रिय होने पर सपने आते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन के डॉ. लैम्पोस पेरोगामव्रोस ने कहा, जब हम सपना देख रहे होते हैं तो मस्तिष्क का पिछला हिस्सा सक्रिय होता है। इन क्षेत्रों के भीतर की गतिविधि विभिन्न स्वप्न सामग्री से संबंधित होती है। इन क्षेत्रों की जांच कर हम बता सकते हैं कि व्यक्ति सपना देख रहा है या नहीं।
उन्होंने बताया कि नींद के पांच मुख्य चरण होते हैं। पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे चरण में आंखों की हरकत नहीं होती है, जिसे एनआरईएम कहते हैं। वहीं, पांचवें चरण में आंखों की हरकत होता है, इसे आरईएम कहते हैं। सपने आरईएम के दौरान बढ़ी हुई मस्तिष्क की गतिविधि के साथ जुड़ा हुआ है। जबकि एनआरईएम के दौरान सपने नहीं आते हैं। यह कम आवृत्ति मस्तिष्क की गतिविधि से जुड़ा होता है।
शोधकर्ताओं ने 32 लोगों की नींद के दौरान आईईजी दर्ज की, फिर सपने की उपस्थिति या अनुपस्थिति के साथ सपने की सामग्री और अवधि बताने को कहा। शोधकर्ताओं ने देखा कि जो लोग सपने का अनुभव कर रहे थे, उनके मस्तिष्क का पिछला हिस्सा कॉर्टिकल ‘हॉटजोन’ सक्रिय मिला।
सपने में कोई चेहरा, किसी की बात सुनने या कुछ हिलते हुए देखने पर हमारे मस्तिष्क के वही हिस्से सक्रिय होते हैं, जो जागते हुए इन क्रियाओं में होते हैं। स्पष्ट नजर आने वाले सपने में स्वप्नदृष्टा के मस्तिष्क के वही हिस्से सोते हुए भी फैसला करते हैं, जो जागते समय उन परिस्थितियों में लेते हैं।