पानी को धुप से बचाने के लिए जलाशय को 10 लाख के थर्माकोल से ढका

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सूखे का दंस झेल रहा दक्षिण भारत का तमिलनाडु राज्य पानी बचाने के लिए हर तरह से कोशिश कर रहा है. राज्य के किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली में रहकर केंद्र सरकार के समक्ष प्रदर्शन कर रहे हैं. शनिवार को किसानों ने प्रदर्शन के दौरान मूत्र पिया. वहीं, राज्य के सहकारिता मंत्री सेल्लुर राजू ने पानी को बचाने के लिए एक अनोखा रास्ता निकाला है. उन्होंने पानी को बचाने के लिए वैगई डैम पर थर्माकोल तैरा दिए ताकि पानी को वाष्पीकरण (उड़ने) से बचाया जा सकते.

बांध के 10 स्क्वायर किलोमीटर को कवर करने के लिए लाए गए थर्माकोल शीट्स पर 10 लाख रुपए खर्च हुए. थर्माकोल को आपस में टेप से जोड़कर फिर से इसे पानी में डाला गया. पानी को उड़ने से बचाने के लिए प्लान तैयार किया गया और इस प्लान को दो डीएम ने मंजूरी भी दे दी. यह सब करने के पीछे तर्क था कि पानी को उड़ने से बचाया जा सके.

हालांकि सहकारिता मंत्री का यह प्लान फेल साबित हुआ. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पानी बचाने के लिए बिछाई गई थर्माकोल की शीट्स मिनटों में बांध के किनारे पर आ गई. जिसे लेकर मंत्री और प्रशासन को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. सेल्लुर राजू ने कहा कि यह सारा प्रयास पानी बचाने के लिए किया गया था.