बिस्कुट विनिर्माताओं ने GST परिषद से मांग की है कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली में बिस्कुट उद्योग को कर के सबसे निचले स्लैब में रखा जाना चाहिए. सरकार एक जुलाई से GST प्रणाली लागू करने जा रही है. फेडरेशन ऑफ बिस्कुट मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इंडिया (FBMI) ने GST परिषद से आग्रह किया है कि व्यापक खपत को ध्यान में रखते हुए बिस्कुट को GST के सबसे निम्न स्लैब में रखा जाना चाहिए.
FBMI के अनुसार सभी बिस्कुटों को GST के न्यूनतम कराधान स्लैब में रखना सरकार की अन्य अच्छी नीतिगत पहलों के अनुरूप ही होगा. इससे इस क्षेत्र के विस्तार व फलने फूलने में मदद मिलेगी. संगठन का कहना है कि बिस्कुटों पर ऊंची दर से कर लगाया गया तो इसका नकारात्मक असर समूची मूल्य श्रृंखला पर पड़ेगा. बिस्कुटों की मांग घटेगी और उससे किसानों से लेकर निवेश, निर्यात व रोजगार तक पर प्रतिकूल असर पड़ेगा.
उल्लेखनीय है कि GST परिषद ने GST प्रणाली के लिए चार स्तरीय कर स्लैब रखा है. परिषद ने इसके लिए 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के कर स्लैब को अंतिम रूप दिया है. परिषद को अपनी अगली बैठक, जो मई में होनी है, में अब यह तय करना है कि किस वस्तु पर किस दर से जीएसटी लगाया जाएगा.