आमतौर पर जब कभी भी बुखार आता है तो मां सिर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखती है। लोग सलाह भी देते हैं कि बुख़ार उतारने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां रखें। लेकिन बुखार में ठंडे पानी की पट्टियां रखने से वैज्ञानिक तौर पर भी फायदा मंद है। इस बारे में विस्तार से जानिये
• जब बुखार 101 डिग्री फैरेनहाइट से ऊपर जाता है तो स्थिति गंभीर हो जाती है। और फिर इसके 103 डिग्री फैरेनहाइट तक पहुंचने पर बहुत ज्यादा घबराहट होती है। तब डॉक्टर बुखार के लिए दवाएं तो देते हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि दवाएं खाने के बावजूद शरीर का तापमान सामान्य नहीं हो पाता। ऐसे में ठंडे पानी की पट्टियों या स्पंज को माथे पर रखने से बुखार को कम करने के लिए किया जाता है। छोटे बच्चों और बुज़ुर्गों के साथ ये तरीका अपनाया जा सकता है क्योंकि उन्हें बुखार बहुत तेज होने पर दौरा पड़ने का आशंका अधिक रहता है।
• पट्टी के लिए बर्फ के पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। हमेशा ताज़ा पानी ही लें। सिर, माथा और हथेली पर पानी की पट्टियां रखने से फायदा अधिक नहीं होगा, इसके लिए पूरे शरीर में स्पंज या पट्टियां करनी चाहिए। बल्कि अगर मरीज़ कमज़ोरी महसूस न कर रहा हो तो उसे नहाना भी चाहिए। इससे उसका तापमान सामान्य होता है।
• बर्फ के पानी का इस्तेमाल केवल तभी करना चाहिए जब बुखार 104 से105 डिग्री फैरेनहाइट तक हो गया हो। स्पंजिंग बुखार के लिए स्थायी उपचार नहीं है बल्कि तापमान को सामान्य करने का तरीका है। बैक्टीरिया आ वायरस से लड़ने के लिए शरीर को उचित दवाओं की आवश्यकता होती है। इसलिए डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिये।