अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे का कहना है कि फिल्म निर्माता अब उबाऊ कहानियों और पुराने फॉर्मूले को छोडक़र मजबूत कहानियों का चयन कर रहे हैं। सोनाली से जब यह पूछा गया कि इतने सालों में फिल्म उद्योग में क्या बदलाव आया है तो बताया, ‘चीजें अब ज्यादा पेशेवर और व्यवस्थित हो गई हैं.
महिलाओं के लिए अच्छी भूमिकाएं लिखी जा रही हैं और लोग उबाऊ व पुराने फॉमूर्ले की बजाय दमदार कहानी को बढ़ावा दे रहे हैं।’42 वर्षीय इस अभिनेत्री कहा कि भारतीय फिल्म का विकास होने के साथ यह अब उम्र पर केंद्रित नहीं रह गया। उन्होंने कहा कि चीजें धीरे-धीरे बदल रही हैं और यह अच्छी बात है.
क्या पहले की अभिनेत्रियां महज गलैमर के रूप में फिल्मों का हिस्सा होती थीं? यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘हां’ ऐसा होता था। उस समय यह फिल्मी सितारे की लोकप्रियता पर निर्भर करता था और अब इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि किसी खास किरदार को कौन कलाकार बखूबी निभा सकता है