गुरुवार को राज्यसभा में जीएसटी से जुड़े चार अहम बिल बिना किसी संशोधन के पास हो गए. इन बिलों में सी-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटीजीएसटी और जीएसटी मुआवजा बिल शामिल है. इससे पहले इन्हीं बिलों को लोकसभा में मंजूरी मिली थी. गौरतलब है कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर कानून जीएसटी को आजाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार बता रही है और वो 1 जुलाई से इसे लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयकों को पारित किए जाने का स्वागत करते हुए किया. उन्होंने कहा कि जो बीत गया वो बीत गया. यह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पासा पलटने वाली होगी.
हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि इसके क्रियान्वयन में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं. राज्यसभा में जीएसटी की राह आसान करने का श्रेय पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी दिया जा रहा है. जीएसटी बिलों पर कांग्रेस की ओर से आ रहे संशोधनों को साधते हुए मनमोहन ने अपनी पार्टी से बदलाव न करने की सलाह देते हुए ‘सहमति और संघीय गठजोड़ बनाए रखने’ को कहा. उच्च सदन में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की ओर से समर्थन न मिलने के कारण अन्य विपक्षी दलों टीएमसी और लेफ्ट के संशोधन पास नहीं हो पाए और सभी जीएसटी के बिल बिना संशोधन पास हुए.
मनमोहन सिंह की भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि जब देशहित की बात आई तो सभी दल और नेता एक स्वर में बोले. यह ऐतिहासिक दिन है. जीएसटी का सभी दलों की सहमित से पास होना भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा है.’ राज्यसभा में बिल पर चर्चा के दौरान सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि इस बिल का क्रेडिट किसी व्यक्ति या सरकार को नहीं बल्कि सभी को जाता है.’