जी हां बता दे कि, द मल्टीप्लेस एसोसिएशन अॉफ इंडिया ‘एमआईए’ ने एक बार फिर से इंडियन गवर्नमेंट द्वारा इम्प्लीमेंट किए गए गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) को लेकर अपनी बात रखी है. एमआईए की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज़ में बताया गया है कि, जीएसटी में जिस तरह सिनेमा इंडस्ट्री को ट्रीट किया गया है उसको लेकर एमआईए चिंतित है. अभी सिनेमा एग्जीबिशन सेक्टर में टिकट की कीमत पर टैक्स 19 प्रतिशत है.
लेकिन जीएसटी के तहत 28 प्रतिशत का रेट (100 रुपए से ज्यादा की टिकट पर जो टिकट बिक्री के 90 फीसदी से ज्यादा है) कॉस्ट को बढ़ा देगा अगर इंडस्ट्री इसे अपना लेती है. इससे सिनेमा इंडस्ट्री पर एडवर्स इम्पैक्ट होगा. साथ ही लोकल बॉडीज़ द्वारा लगाया जाने वाला एंटरटेनमेंट टैक्स जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है.
इसलिए इस बात की बहुत ज्यादा संंभावना है कि लोकल बॉडीज़ जीएसटी के अलावा एंटरटेनमेंट टैक्स भी लगाएंगी. कई राज्यों ने इसको लेकर अपनी राय जताते हुए एेलान किया है कि वो लोकल बॉडीज़ को सिनेमा पर एंटरटेनमेंट टैक्स लगाने के लिए परमिट करेंगी. परिणामस्वरूप फिल्म इंडस्ट्री फिर उन सेक्टर्स में शामिल हो जाएगी जो डबल टैक्सेशन वाली केटेगरी में हैं.