भारतीय सेना की जीप के बोनट में एक युवक को बांधकर ले जाने वाले वीडियो के वायरल होने के बाद वो युवक सामने आ गया है जिसे सेना द्वारा जीप में बांधकर घुमाया जा रहा है। सेना की जीप में बंधा युवक कश्मीर के बड़गाम के छील का रहने वाला है। उस युवक का कहना है कि वो पत्थरबाज नहीं है और उसने जीवन में कभी भी पत्थरबाजी नहीं की है। वो तो एक शॉल बुनकर है। इसके अलावा वो कभी-कभी लकड़ी से सामान बनाने का काम करता है। अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में 26 साल के फ़ारूक अहमद धर ने ये बातें कही।
फारूक ने बताया, “उस दिन मैं अपने एक संबंधी की आखिरी यात्रा में शामिल होने के लिए जा रहा था। रास्ते में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, तो थोड़ी देर के लिए मैं वहां रूक गया। थोड़ी देर बाद कुछ जवानों ने मुझे पकड़ा और मारना शुरू कर दिया।” फारूक ने बताया, “उन लोगों ने जीप के बोनट के आगे मुझे बांध दिया। सेना के जवानों ने मुझे जीप में बांधकर 25 किलोमीटर के इलाके में घुमाया और वो लोगों से कह रहे थे कि अब पत्थर मारो इस पत्थरबाजी करने वाले को। मुझे नौ गांवों में इस हालत में घुमाया गया।
इसके बाद वो जवान मुझे स्थानीय सीआरपीएफ कैंप में ले गए और मुझे काफी देर तक कैंप में बिठाया गया।” जब फ़ारूक से पूछा गया कि उसने इस घटना की शिकायत क्यों नहीं कि तो उसने कहा, “मैं गरीब हूं। कहां जाकर शिकायत करूंगा। मैं इस मामले में कुछ नहीं करना चाहता। मैं डरा हुआ हूं। मेरे साथ कुछ भी हो सकता है।” 26 साल के युवक की मां अस्थमा की मरीज हैं और उनका कहना है कि अगर मेरे बेटे को कुछ हो गया तो मैं कहां जाऊंगी?