बिहार में अपराध को कम करने के लिए ADG ने उठाया बड़ा कदम

Highlights बिहार में अप्रैल-जून में होते हैं सबसे ज्यादा मर्डर। किसानों के पास काम नहीं इसलिए बिहार में बढ़ रहा अपराध। बिहार में क्राइम रेट कम करने के लिए पुलिस विभाग की नई पहल शुरू।

पटना : बिहार में बीते कुछ दिनों में कई आपराधिक मामलों की खबर सामने आई है, इनमे से कई क्राइम में सुपारी किलर्स की जानकारी भी सामने आई है। लेकिन अब सुपारी किलर्स की पहचान करने के लिए बिहार पुलिस ने अनोखा तरीका अपना लिया है, वहीं बिहार पुलिस अब ऐसे सुपारी किलर का डाटाबेस की योजना बनाकर उसे तैयार करने वाली है। यह जानकारी ADG मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने बीते बुधवार यानी 16 जुलाई 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी।

कुंदन कृष्णन ने इस बारें में कहा है कि राज्यभर में कत्ल की वारदातों को अंजाम देने वाले सुपारी किलर का पुलिस के स्तर पर डाटाबेस बनाया जाने वाला है।  इतना ही नहीं STF के तहत खासतौर से सुपारी किलर निगरानी सेल का गठन कर दिया गया है। यह सेल सभी तरह के सुपारी किलर का पूरा ब्यौरा जुटाकर उनकी एक लिस्ट बनाएगा। इसके माध्यम से हत्या जैसी वारदात को अंजाम देने वाले कातिलों की पहचान करने में आसानी होगी। 

इस बारें में ADG ने जानकारी दी है कि सुपारी किलर की तस्वीर, नाम, पता, सहित तमाम जानकारी जुटा कर रखी जाएगी, कई युवा अपने रास्ते से भटककर और पैसों की लालच में सुपारी लेकर हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देने लग जाते है, वहीं इन युवाओं को वापस सही रास्ते पर लाने के लिए सभी को एक साथ आकर कोशिश करने कि आवश्यकता है, उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए ये भी कहा है कि कोढ़ा गैंग में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए अलग से एक कोढ़ा सेल बना दिया गया है। यह सेल बेगूसराय के तिवारी गैंग में भी शामिल अपराधियों को दबोचने पर खासतौर से फोकस करता है।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने ये भी कहा है कि, राज्य में नशा के व्यपार पर नकेल कसने के लिए ATF में एक नॉरकोटिक्स सेल का भी गठन भी कर दिया गया है। इसे थानों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए इसका क्षमतावर्द्धन भी किया जा रहा है। इसमें अधिकारियों और कर्मियों की तादाद बढ़ती जा रही है।

500 से अधिक अपराधियों को दी गई सजा : 

ADG कुंदन कृष्णन ने बोला है कि- संगीन एवं हिंसक अपराध भी इस लिस्ट में शामिल है, ताकि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए राज्य में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट फिर से स्थापित करने की पहल भी शुरू कर दी गई है, इतना ही गृह विभाग को इससे संबंधित प्रस्ताव भेज दिया गया है, ताकि जल्द से जल्द इसे अमलीजामा पहनाया जा सके। वहीं वर्ष 2012-13 तक फास्ट ट्रैक कोर्ट की सहायता से सालाना 2 से 3 हजार अपराधियों को उम्रकैद सहित अन्य सख्त सजाएं दिलवाई जा रही है, इतना ही नहीं वर्तमान में सालाना 500 से 600 अपराधियों को सजा दी जाती है। 

खबरों का कहना है कि इस बारें में ADG ने आगे बताया है कि राजयभर में 1290 ऐसे क्रिमिनल को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने आपराधिक गतिविधि के माध्यम से सम्पति भी जुटाई है। इतना ही नहीं इन सभी तरह की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया रहा है। ADG ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला है कि अवैध हथियार या पिता के लाइसेंसी हथियार के साथ कोई नाबालिग को पकड़ा जाता है  तो उसके पिता या घरवालों को जेल होगी। 

बिहार में बढ़ रहा क्राइम : 

इस बारें में ADG का कहना है कि बिहार में अपराध के मामले नहीं बढ़े, लेकिन बीते वर्ष मई से जून के बीच जितने भी अपराध हुए है उसकी तुलना में इस साल आपराधिक वारदातें कम हुई है, सबसे ज्यादा कत्ल अप्रैल-जून में हुई थी, इतना ही नहीं किसानों के पास काम नहीं इसलिए क्राइम रेट बढ़ता है, एडीजी कुंदन कृष्णन ने यह भी बताया है कि दानापुर ज्वेलरी शॉप,आरा में तनिष्क लूट कांड, समस्तीपुर में महाराष्ट्र बैंक लूट कांड जैसी तमाम वारदातों में शामिल अपराधियों को हिरासत में लिया जा चुका है। लूट की दर्जनभर घटनाओं को होने से पहले ही रोक दिया गया। यह STF के विशेष इंटेलिजेंस का भी नतीजा है। दूसरे राज्यों में घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार किया जा चुका। वहीं इस वर्ष  जनवरी से अब तक ऐसे 700 से ज्यादा अपराधियों को STF ने गिरफ्तार किया है।

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