शादी तय होने से घरवालों से नाराज थी अर्चना तो कर ली खुद की किडनेपिंग की प्लानिंग

Highlights इंदौर से हैदराबाद, फिर जोधपुर-दिल्ली होते हुए काठमांडू पहुंची अर्चना। घरवाले बना रहे थे शादी का दबाव तब अर्चना ने किया किडनेपिंग का प्लान। सारांश के जरिए अर्चना तक पहुंची GRP पुलिस।

अर्चना तिवारी केस में GRP की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल SP राहुल कुमार लोढ़ा ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी दी है कि अर्चना तिवारी के लिए निंरतर शादी के रिश्ते आ रहे थे, लेकिन वो विवाह के इस प्रस्ताव से खुश नहीं थी. शुजालपुर के निवासी सारांश से अर्चना की इंदौर में दोस्ती हुई थी. एक ही ट्रेन में उस दिन दोनों यात्रा कर रहे थे. इसी दौरान दोनों ने अपहरण की योजना बना ली. 

घरवाले बना रहे थे अर्चना पर शादी का दबाव :

इस बारें में SP राहुल कुमार लोढ़ा ने जाकारी दी है कि सारांश ने कुछ लीगल एडवाइज भी ली थी. इस  दौरान अर्चना के घर वालों ने पटवारी के साथ रिश्ता तय किया एवं घर वालों ने अर्चना पर पढ़ाई छोड़कर शादी का दबाव बनना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं अर्चना ने सारांश से हरदा में ढाबे पर बैठक बात की और भागने की योजना बनाई, लेकिन बाद में भागने की योजना को रद्द कर दिया और गुमशुदगी की साजिश रच डाली. अर्चना को लगा था कि GRP मिसिंग पर इतना ध्यान नहीं देती. 

इस तरह अर्चना ने बनाई थी किडनेपिंग की योजना : 

अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि तेजन्दर नामक व्यक्ति ने इटारसी स्टेशन की सूचना दी, जहां CCTV नहीं था और वहां से भागने की योजना बताई . तेजन्दर ने नर्मदापुरम में ट्रेन में अर्चना को कपड़े भी दिए, जिसके पश्चात अर्चना B3 कोच से A2 कोच में जाकर बाहर निकली. आउटर से अर्चना बाहर निकली, जहां CCTV नहीं था. इतना ही नहीं अर्चना तिवारी ने मोबाइल तेजन्दर को बागतवा के जंगलो में फेंकने के लिए बोला. इसके पश्चात अर्चना सारांश के साथ कार से गई, लेकिन उसी रात एक फ्रॉड केस में तेजन्दर को दिल्ली पुलिस ले गई. GRP की टीम ने दिल्ली जाकर तिहाड़ जेल में तेजन्दर से वार्तालाप की.

राहुल कुमार लोढ़ा ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि अर्चना ने जानबूझकर ट्रेन में समान छोड़ा, ताकि पुलिस को लगे अर्चना कहीं गिरी. इतना ही नहीं मोबाइल भी जंगल के पास बंद हो गया था. हालांकि अर्चना सारांश से वह WhatsApp कॉल पर बात करती थी, इसलिए पुलिस को CDR नहीं मिला था.

इस तरह अर्चना ने किया था इंदौर से काठमांडू का सफर : 

उन्होंने इस बारें में आगे जानकारी दी है कि सारांश को जब पुलिस ने उठाया तो परतें खोल दी. दोनों ने यात्रा के बीच  टोल को भी एवाइड किया और बीच में नया मोबाइल खरीदा. इन लोग मध्य प्रदेश नहीं छोड़ते, लेकिन मीडिया में हाइप बनने के पश्चात दूसरे राज्य में जाने की योजना बनाई. इसके पश्चात दोनों पहले हैदराबाद गए और फिर नेपाल जाने की योजना बनी. बस के जरिए से जोधपुर से दिल्ली होते हुए अर्चना तिवारी काठमांडू चल दी.

सारांश के माध्यम से अर्चना तक पहुंची GRP पुलिस :

खबरों का कहना है कि राहुल कुमार लोढ़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोला है  कि सारांश काठमांडू से वापस आया. सारांश ने जानबूझकर अपना मोबाइल इंदौर में ही छोड़कर रखा हुआ था, ताकि कोई उस तक पहुंच न पाए. सारांश को राउण्डअप करने के पश्चात अर्चना को बॉर्डर तक बुलाकर पुलिस ने राउंडअप कर दिया. फिर दिल्ली के रास्ते आज फ्लाइट से हम उसे भोपाल लेकर आ गए.

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि सारांश पर तब शक हुआ जब सभी चीजें हमने कार्रवाई कर ली कुछ नहीं मिला. फिर  सारांश के 2 -3 काल बहुत लंबे थे. इतना ही नहींफिर IP एड्रेस से जानकारी लेकर सारांश से पूछताछ शुरू की है. सारांश को पकड़ने के पश्चात उसने अर्चना से बात करवाई. सारांश के माध्यम से काठमांडू से अर्चना को बुलाया गया. सारांश को पड़कने के पश्चात अर्चना ने अपने भाई से बात की थी. हालांकि तब तक पुलिस बुला चुकी थी. अर्चना का घर का नाम सपना था, इसलिए वो बाहर खुद को सपना कह रही थी.

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