भारत के खिलाफ जहर उगल रहे बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस, हर बात का ठहरा रहे जिम्मेदार

Highlights मोहम्मद यूनुस की सरकार बनने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में बढ़ी कड़वाहट। बांग्लादेश के गृहमंत्री ने खगराछारी हिंसा के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया।  कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असफल बांग्लादेश की सरकार।

नई दिल्ली : बांग्लादेश में जबसे तख्तापलट हो गया है एवं शेख हसीना की सरकार गिर जाने के पश्चात मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया बना गए है, तब से वो निरंतर भारत के विरुद्ध जहर उगलते हुए दिखाई दे रहे है। उनकी बयानवाजी के कारण से भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में भी कड़वाहट भी आ चुकी है। इस दौरान बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमां नई दिल्ली के दौरे पर भी आ सकते है। 

खबरों का कहना है कि जनरल वकार-उज-जमान इसी माह भारत दौरे पर आने वाले है। इतना ही नहीं वह भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ मुलाकात भी करने वाले है। वह संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सैनिक भेजने वाले देशों के लिए आयोजित एक सम्मेलन में भी भाग लेने वाले है। खबरों में कहा गया है कि यह दो दिवसीय सम्मेलन 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित किया जाने वाला है। वहीँ ये भी कहा जा रहा है कि बांग्लादेश के सेना प्रमुख का यह दौरा ऐसे वक़्त में हो रहा है जब दोनों देशों के मध्य तनाव चरम पर है।

किन मामलों पर सेनाओं के बीच बिगड़े हालात ?  

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बांग्लादेश ने भारत द्वारा सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध भी किया है। इसके साथ साथ, सीमा पार घुसपैठ के मामले पर भी दोनों देशों की सेनाओं के मध्य तनातनी बढ़ चुकी है। हालांकि जनरल वकर-उज-जमान की भारत यात्रा के बारे में पूछे जाने पर बांग्लादेश सेना की ISPR ने इस बारें में कहा है कि अभी तक उसके पास कोई सूचना नहीं है।

हर विवाद का जिम्मेदार भारत को बताता है बांग्लादेश :

बीते सप्ताह बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाके के खगराछारी जिले में हिंसक झड़पों की खबरें सुनने के लिए मिली थीं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृहमंत्री जहांगीर आलम चौधरी ने इन वारदातों का इल्जाम भारत पर लगाते हुए कहा था कि पड़ोसी हमारे मुल्क में अशांति को और भी ज्यादा बढ़ा रहा है। हालांकि इसका उत्तर देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने इन्हें झूठा एवं निराधार कहा है। 

इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बारें में कहा है कि बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ अंतरिम सरकार नियमित रूप से अपना दोष किसी और पर मढ़ने का प्रयास करती रही है। इतना ही नहीं एक लड़की के साथ बलात्कार के पश्चात खगराछारी जिले में हिंसा भड़क गई थी। इसी केस में हुई झड़प के पश्चात तीन आदिवासी व्यक्तियों का क़त्ल कर दिया गया। 

बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध बढ़ रही घटना :  

बांग्लादेश में हिंदुओं सहित कई अल्पसंख्यक समुदाय पर हिंसा की घटनाएं बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी है। मानवाधिकार संगठन राइट्स एंड रिस्क्स एनालिसिस ग्रुप का इस बारें में कहना है कि, अगस्त 2024 से लेकर इस वर्ष फरवरी 2025 के मध्य  तकरीबन 1250 ऐसी घटनाएं हुईं, इसमें हिंदुओं को निशाना बनाया गया। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र ने भी माना है कि शेख हसीना की सरकार के पश्चात बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की घटनांए और भी तेजी से बढ़ी है। 

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