बिहार चुनाव में उतरेंगी भजन और लोक गायिका मैथिली ठाकुर, अलीनगर से मिल सकता है टिकट

Highlights बिहार चुनाव को लेकर चर्चा में लोक गायिका मैथिली ठाकुर। मधुबनी से टिकट चाहती है मैथिली ठाकुर। भाजपा नेता नित्यानंद राय एवं विनोद तावड़े से मैथिली ठाकुर ने की मुलाकात।

पटना: मैथिली ठाकुर के बिहार विधानसभा चुनाव 2025 लड़ने की खबरों ने तूल पकड़ लिया है, भाजपा नेताओं ने खास तौर पर नित्यानंद राय एवं विनोद तावड़े से उनकी मुलाकात के पश्चात इन चर्चाओं ने इन खबरों को भी हवा दे दी है। मैथिली ठाकुर को आज के समय में किसी भी परिचय की आवश्यकता नहीं है। तो चलिए जानते है उनके बारें में और भी कुछ खास बातें...

मैथिली ठाकुर रह चुकी हैं खादी की ब्रांड एंबेसडर :

वर्ष 2024 में बिहार की बहुत लोकप्रिय युवा लोक गायिका मैथिली ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी मिली थी। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बना दिया गया था। इसके पूर्व मैथिली ठाकुर को संगीत नाटक अकादमी के प्रतिष्ठित उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

कौन है मैथिली ठाकुर :

मैथिली ठाकुर आज के समय की सबसे कम आयु होने के बाद भी बड़ी हस्ती बन गई हैं।  लोक गायिका मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई वर्ष 2000 को बिहार में मधुबनी जिले के बेनीपट्टी क्षेत्र में हुआ। मैथिली ठाकुर को बचपन से ही गीत-संगीत का माहौल मिला था और वह इन्ही सब चीजों के बीच बड़ी हुई है। यही कारण है कि उनमें लोक गीत को लेकर रुचि बढ़ गई। दरअसल मैथिली ठाकुर के पिता जी का नाम रमेश ठाकुर है, जो खुद भी संगीतज्ञ हैं। मैथिली की माता पूजा ठाकुर गृहणि हैं। परिवार में मैथिली से बड़े एक भाई हैं जिनका नाम ऋषभ ठाकुर है। वहीं मैथिली ठाकुर के छोटे भाई का नाम अयाची हैं। इतना ही नहीं मैथिली ठाकुर को भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ साथ लोक गीतों को सुरों में बांध कर गाने की ट्रेनिंग उनके पिता एवं दादा जी से प्राप्त हुई है। सबसे अच्छी बात तो ये है कि  लोक गायिका मैथिली ठाकुर कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि पर भी बहुत ही ज्यादा सक्रीय है। फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं यूट्यूब पर उनके फॉलोवर्स मिलियन की तादाद में है। उनके फैन्स की तादाद भी लाखों में है। मैथिली ठाकुर के गीतों को सुन कर कई बार उन्हें जूनियर बिहार कोकिला के नाम से भी बुलाया जाता है। वो मैथिली भाषा, भोजपुरी और हिंदी में लोक गीतों के गायन में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कई बार कर चुकी हैं। उन्होंने अपने भाइयों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन कर चुकी है।

 

बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा का टिकट काटना कठिन : 

अब भले ही मैथिली ठाकुर ने बेनीपट्टी (मधुबनी) से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की हो लेकिन यहां से मौजूदा विधायक विनोद नारायण झा का टिकट काटना भाजपा के लिए सरल नहीं होने वाला। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी मैथिली ठाकुर को दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से टिकट प्रदान कर सकती है। विनोद नारायण झा जेपी आंदोलन के वक़्त से भाजपा से जुड़े हुए हैं। विनोद नारायण झा भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज दिवंगत नेता सुशील मोदी के करीबी भी हैं।

खबरों का कहना है कि विनोद नारायण झा की गिनती यहां के दिग्गज नेताओं में की जाती है। वो बेनीपट्टी से 2 बार विधायक  एवं  एक बार एमएलसी भी रह चुके है। ज्यादा आयु के बाद भी विनोद नारायण झा का पलड़ा अधिक कमजोर दिखाई नहीं दे रहा है। विनोद नारायण झा अभी 68 वर्ष के है एवं उनसे अधिक आयु के नेता अभी भारतीय जनता पार्टी में और सरकार में पद पर हैं।

जाति के बारें में बात की जाए तो बेनीपट्टी विधानसभा सीट पर ब्राह्मण वोटरों का दवाब बढ़ा है। इसके पश्चात यहां यादव वोटर महत्वपूर्ण माने जाते है। बीते चुनाव में विनोद नारायाण झा ने कांग्रेस की भावना झा को नजदीकी लडा़ई में पटखनी दे डाली है। हालांकि, 2015 में कांग्रेस की भावना झा ने विनोद नारायण झा को हरा दिया था।

अलीनगर से मिल सकता है मैथिली ठाकुर को टिकट :

खबरों का कहना है कि बेनीपट्टी से विधायक विनोद नारायण झा का टिकट काट कर मैथिली ठाकुर को देना भारतीय जनता पार्टी के लिए कठनाइयों से भरा हुआ निर्णय साबित हो सकता है। अलीनगर विधानसभा सीट के बारें में बात की जाए तो यहां भी अभी भारतीय जनता पार्टी के मिश्रीलाल यादव मौजूदा विधायक हैं। मैथिली ठाकुर को टिकट देने के लिए भारतीय जनता पार्टी को मिश्रीलाल का टिकट काटना पड़ेगा। लेकिन इस बात में भी कोई शक नहीं है कि अलीनगर के मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव पर बगावत के भी  इल्जाम लगाए जा चुके है। दरअसल मिश्रीलाल यादव ने पिछला चुनाव मुकेश सहनी की पार्टी के टिकट पर लड़ा था। वो यहां से चुनाव जीत भी गए थे। जब मुकेश सहनी एनडीए से अलग हुए तब मिश्रालाल यादव भारतीय जनता पार्टी में लौट गए।

वहीं खबरें है कि मिश्रीलाल यादव को लेकर अटकलें लगाई जा रही है कि वो चुनाव से पहले पाला बदलकर बीजेपी में भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को यहां एक ऐसे चेहरे की दरकार हो सकती है जो इस चुनाव में बिल्कुल फिट बैठे। वहीं  मैथिली ठाकुर मिथिलांचल की प्रभावशाली चेहरे के तौर पर पहचानी जाती है। मैथिली एवं भोजपुरी जैसी स्थानीय भाषाओं में लोकगीत, पारंपरिक भजन एवं छठ गीत गाकर उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।

अलीनगर सीट पर भी ब्राह्मणों की तादाद काफी अच्छी देखि गई है। अब ये कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को इस सीट से एक साफ-सुथरी छवि के ब्राह्मण चेहरे की तलाश में है एवं मैथिली ठाकुर इस पैमाने पर भी 100 प्रतिशत सटीक बैठ रही है। मैथिली ठाकुर चर्चित और अच्छी छवि की हैं ऐसे में वो यहां ओबीसी, दलित वोट या अन्य जाति के वोटों पर भी अच्छा-खासा प्रभाव डाल सकती हैं।

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