नई दिल्ली: भाजपा का अगला अध्यक्ष कौन होने वाला है? फिलहाल इस पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन उच्च पदस्थसूत्रों ने इस बात का संकेत देते हुए कहा है की बीजेपी एक ऐतिहासिक परिवर्तन की तरफ बढ़ रहा है, इतना ही नहीं भाजपा को पहली बार महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकती है, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के मध्य बीते कुछ वक़्त से बातें हो रही है। इतना ही नहीं इसमें कई प्रमुख महिला नेताओं के नाम पर भी विचार चल रहा है, ये निर्णय संगठनात्मक संतुलन, महिला सशक्तिकरण आने वाली चुनावी रणनीतियों के लिहाज से बेहद खास माना जा रहा है। इतना ही नहीं राजनितिक गलियारों में निर्मला सीतारमण, वनथी श्रीनिवासन एवं डी पुरंदेश्वरी के नाम चर्चा में बने हुए है। निर्मला सीतारमण :
डी. (दग्गुबाती) पुरंदेश्वरी का आंध्र प्रदेश की राजनीति में अहम् भूमिका निभाई। पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश वह सांसद है एवं उन्होंने राज्य में भाजपा अध्यक्ष का जिम्मा भी संभाल लिया था। पुरंदेश्वरी, सुषमा स्वराज जैसी प्रभावशाली वक्ता कही जाती है, उनका दो प्रमुख राष्ट्रिय दलों में सफल करियर था, वह बहुभाषी (तेलुगु, तमिल, हिंदी, अंग्रेजी, फ्रेंच में बेहतरीन पकड़) हैं। खबरों का कहना है कि उन्हें जुलाई वर्ष 2023 में आंध्र प्रदेश में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था एवं हाल ही तक वह इस पद पर थी, खबरों का कहना है कि पुरिंदेश्वरी को विभिन्न देशों में गए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए चयनित कर लिया गया था, जिसने विदेशों में जाकर पाक को बेनकाब कर दिया।दक्षिण भारत में वह पार्टी का बड़ा चेहरा बन सकती हैं।
वनथी श्रीनिवासन :वनथी श्रीनिवासन लोगों के बीच जानी मानी हस्ती और वकील से राजनेता बनी है, जो इस समय तमिलनाडु विधानसभा में कोयंबटूर साउथ से भाजपा की विधायक है। उनका राजनितिक सफर वर्ष 1993 में भाजपा के जुड़ने से साथ शुरू हुआ था, एवं तब से वह पार्टी के संगठन निरंतर आगे ही बढ़ती चली गई है, वनथी ने तमिलनाडु भाजपा में राज्य सचिव (2013 -14) महासचिव (2014-20) और राज्य उपाध्यक्ष (2020) जैसी अहम् भूमिका अदा की।
वनथी को अक्टूबर वर्ष 2020 में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रिय अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया था, ये जिम्मेदारी उन्होंने उस वक़्त संभाली जब पार्टी के मध्य अपना आधार मजबूत करने पर जोर दे रही थी। वर्ष 2022 में उन्हें भाजपा की केंद्रीय चुनाव सदस्य बना दिया गया, इस प्रतिष्ठित समिति में स्थान पाने वाली वह पहली महिला बनी। ये नियुक्ति उनके बढ़ते प्रभाव एवं पार्टी के प्रति लम्बे योगदान का प्रमाण है।
इतना ही नहीं वनथी श्रीनिवासन क़ानूनी विशेषज्ञ होने के साथ ही जमीनी राजनीती में भी दक्ष है, वहीं उन्होंने महिला सशक्तिकरण , संगठनात्मक मजबूती और विधानमंडल में सक्रिय भूमिका निभाकर न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना ली।