UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर! बदला पेमेंट्स का तरीका

Highlights UPI पेमेंट्स को लेकर बदल गए नियम। यूपीआई में पिन की जगह फेस रिकग्निशन और फिंगरप्रिंट से होगा पेमेंट। UPI पेमेंट की सुविधा शुरू होंगे से समय की बचत, पिन भूलने की समस्या होगी खत्म।

नई दिल्ली : यूपीआई अब अपने उपभोक्ताओं को एक नया एवं बेहतरीन अनुभव देने की तैयारी में है. खबरों का कहना है कि UPI पेमेंट करते वक़्त यदि आप पिन भूल जाएं, तो घबराने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि अब चेहरे की पहचान और फिंगरप्रिंट की सहायता से आसानी से लेनदेन हो सकेगा. यह नई सुविधा यूजर्स के लिए पेमेंट को और आसान बनाने वाली साबित होंगी.

आज से लागू होगा नया नियम !

खबरों का कहना है कि आज यानी 8 अक्टूबर 2025 से UPI ट्रांजैक्शन में इस नए बदलाव की शुरुआत की जा सकती है. इसके पश्चात इससे पेमेंट करने में पिन डालने की आवश्यकता पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी एवं यूजर्स फेस रिकग्निशन यानी चेहरे की पहचान या फिर अपने फिंगरप्रिंट के माध्यम से पेमेंट को ऑथेंटिकेट कर पाएंगे. इसका मतलब है कि आपको हर बार PIN डालने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. वहीं आधार डेटा द्वारा संचालित नया बायोमेट्रिक-बेस्ड ऑथेंटिकेशन, देश भर के लाखों UPI उपयोगकर्ताओं के लिए लेनदेन और बढ़ावा मिला, आसान एवं ज्यादा सुरक्षित बनाने में मददगार साबित हो सकता है. 

क्या सच में लाभदायक होगी ये सुविधा ?   खबरों का कहना कि UPI का प्रबंधन करने वाली संस्था, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा कथित तौर पर शुरू की जा रही ये नई सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए लाभदायक साबित हो सकती, जो पेमेंट करते वक़्त हमेशा PIN दर्ज करना भूल जाते है या फिर जिन्हें टाइप करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इस सुविधा के पश्चात अब पिन याद करने या नया पिन बनाने पर टाइम बर्बाद नहीं करना पड़ेगा, यानी इससे समय की बचत करना और भी ज्यादा आसान होगा और आप चुटकियों में पेमेंट कर सकेंगे.  वहीं इसे मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में इस नए फीचर को प्रदर्शित करने की योजना भी बना रहे है. 

पहचान करने के लिए UPI कैसे जुटाएगा डाटा :

दरअसल ये नए दौर का नया UPI अब डिजिटल पेमेंट्स को एवं  आसान एवं सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम होने वाला है.  UPI ट्रांजैक्शन को मंजूरी देने के नई सुविधा के लिए आधार सिस्टम में स्टोर किए गए बायोमेट्रिक डेटा यानी चेहरे की पहचान या फिंगरप्रिंट का उपयोग किया जाएगा. यह भारतीय रिजर्व बैंक RBI की हालिया गाइडलाइंस के  अंतर्गत संभव हो पाया है, जिसमें डिजिटल पेमेंट्स के लिए ऑथेंटिकेशन करने के लिए नए तरीकों की मंजूरी दी गई है. इतना ही नहीं इससे उन करोड़ों यूजर्स को बड़ा लाभ  होगा, हर दिन इसका उपयोग करते हैं.

धोखाधड़ी के मामलों पर लगेगी लगाम :

एक्सपर्ट्स का इस बारें कहना है कि बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के उपयोग से UPI लेनदेन से जुड़ी धोखाधड़ी में बहुत कमी देखने के लिए मिल सकती है. पिन को साझा कर सकते है या फिर चुराया जा सकता है, लेकिन इसके विपरीत बायोमेट्रिक डेटा जैसे उंगलियों के निशान या चेहरे की पहचान की नकल कर पाना लगभग नामुमकिन है. ऐसे में इस तरह के केसों पर लगाम भी लगा सकती है. इस कदम को एक क्रांतिकारी परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञ यह भी चेतावनी देते हैं कि गोपनीयता सुरक्षा एवं सिस्टम की तैयारी इसकी सफलता की कुंजी साबित होने वाली है.

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