बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर फूटा ब्रिटेन सांसद का गुस्सा, कहा- 'हिंदुओं के घर जलाए, मंदिरों को...'

Highlights यूके सरकार ने की बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हिंसा और हेट स्पीच की कड़ी आलोचना। सर एलन कैंपबेल ने धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए समर्थन की कही बात। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए विशेष सरकारी कदम या जांच का आश्वासन नहीं।

नई दिल्ली : यूके गवर्नमेंट ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों  के विरुद्ध हिंसा एवं हेट स्पीच की घटनाओं की कड़ी आलोचना भी की है. यह बयान हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रदान किया गया है, जब विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कम्युनिटी संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदुओं पर हो रहे उत्पीड़न भी सहा. 

वहीं ब्रिटिश हिंदुओं के लिए ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (APPG) के अध्यक्ष ब्लैकमैन ने सांसदों को जानकारी देते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट दिवाली के त्योहार के पास बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के विरुद्ध बढ़ रहे उत्पीड़न को उजागर कर रही है. उन्होंने इस बारें में कहा है कि घर जलाए जा रहे हैं, व्यवसायों को भी पूरी तरह से बर्बाद किया रहा है, और मंदिरों को भारी हानि पहुंचाई जा रही है.

इस पर हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता सर एलन कैंपबेल ने इस बारें में कहा है कि  "हम सभी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध हेट या हिंसा की घटनाओं की कड़ी आलोचना करते हैं. हम बांग्लादेश में मानवतावादी स्थिति को सुधारने एवं अंतरिम सरकार का समर्थन करके शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से लगे हुए हैं. हम धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हो चुके है ."

यूके गवर्नमेंट ने किसी विशेष सुरक्षा तक की बात नहीं की : 

रिपोर्ट्स का कहना है कि ब्लैकमैन द्वारा मांगे जाने पर कैंपबेल ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए किसी विशेष सरकारी मंत्री के बयान या जांच तक आश्वासन नहीं दिया गया, ब्लैकमैन ने इस बारें में कहा है कि आने वाले हफ्ते  हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध अपने त्योहारों और नए साल का जश्न मनाएंगे, लेकिन दुर्भाग्यवश बांग्लादेश में ऐसा संभव नहीं है."

शेख हसीना की सरकार के बाद सक्रीय हुए ब्रिटिश सांसद : 

ब्लैकमैन ने बीते वर्ष ढाका में शेख हसीना शासन के पतन और उसके पश्चात अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा के पश्चात से इस मामले को संसद में उठाते रहे हैं. उन्होंने संसद को पहले भी इस बारें में सूचना दी थी कि हिंदू समुदाय के घर जलाए जा रहे हैं एवं उनके व्यवसायों को हानि पहुंचाई जा रही है.

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