जम्मू में भारी बारिश और भूस्खलन से बढ़ा मौत का आंकड़ा, कई स्कूल और कॉलेज बंद

Highlights भारी बारिश के कारण तवी, चिनाब, उज्ज, रावी और बसंतर नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया, हर संभव मदद का आश्वासन। जम्मू-पठानकोट और जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग बंद।

जम्मू: बीते दिनों जम्मू में भारी बारिश और बादल फटने की वजह से माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन हुआ जिसके कारण बड़ी दुर्घटना हुई , वहीं इस दुर्घटना में मरने वालों का आंकड़ा  बढ़कर 33 हो चुका है। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया एवं हर संभव मदद का एलान भी कर दिया है। उन्होंने इस दुर्घटना में जख्मी हुए लोगों के जल्द ठीक होने की कामना की है। इतना ही नहीं यात्रा मार्ग पर बचाव कार्य अब भी जारी है।

इसके साथ साथ, जम्मू के चनैनी नाला में एक कार गिरने से 3 श्रद्धालु बहे थे। इतना ही नहीं लापता 3 में से 2 श्रद्धालु राजस्थान के धौलपुर एवं एक आगरा का निवासी बताया जा रहा है। बीते रविवार यानी 24 अगस्त 2025 से जारी वर्षा की वजह से जम्मू की सड़कें व पुल झेल न सके एवं शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो चुके है।

खबरों का कहना है कि इसके साथ ही जम्मू का देश से सड़क व रेल संपर्क पूरी तरह से कट चुका है। इतना ही नहीं बीते मंगलवार यानि 26 अगस्त 2025 रात भारी बारिश की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने रात 9 बजे के पश्चात अकारण घरों से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी थी। खबरों का कहना है कि तवी, चिनाब, उज्ज सहित सभी नदियां खतरे के निशान के ऊपर से बह रही हैं।

इतना ही नहीं जम्मू में तवी नदी पर बना भगवतीनगर पुल की एक लेन धंस गई, जबकि इस नदी पर बने 2 अन्य पुलों पर एहतियातन आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। वहीं जानकारी मिली है कि कठुआ के पास पुल धंसने से जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय पर यातायात पहले से ही प्रभावित था।

अब इस राजमार्ग पर विजयपुर में AIIMS के निकट स्थित देविका पुल भी घटना का शिकार हुआ है। इसके पश्चात सड़क यातायात पूरी तरह बंद किया जा चुका है। सांबा में सेना के जवानों ने खानाबदोश गुज्जर समुदाय के 7 लोगों को नदी से सुरक्षित बाहर निकाला है। जम्मू संभाग के सभी स्कूलों और कालेजों में 27 अगस्त को अवकाश का एलान कर दिया है।

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