मोरक्को की धरती से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साधा पाक पर निशाना, कहा- हमने धर्म पूछकर नहीं कर्म...

Highlights राजनाथ सिंह का बयान- ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों को उनके कृत्यों के आधार पर निशाना बनाया, धर्म के आधार पर नहीं। भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है, आतंकवादियों को उनके अपराधों के लिए सजा दी। मोरक्को में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उठाया पहलगाम का मुद्दा।

नई दिल्ली : भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोरक्को की धरती से पाक एवं आतंकवादियों को सख्त संदेश दे डाला है। उन्होंने साफ इस बारें में कहा है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बीच आतंकियों को उनके धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि उनके कृत्यों को देखकर निशाना बनाया था। राजनाथ सिंह ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा है कि, "आतंकवादियों ने हमारे देशवासियों को धर्म पूछकर मारा, मगर हमने उनका कर्म देखकर जवाब दिया। हमने सिर्फ उन लोगों को निशाना बनाया जिन्होंने हमारे मासूम लोगों की जान ली थी।"

भारत का चरित्र – धर्मनिरपेक्षता :

खबरों का कहना है कि रक्षा मंत्री ने भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर जोर देते हुए  कहा है कि भारत किसी भी धर्म के मानने वाले के साथ भेदभाव नहीं करता। उन्होंने कहा, "कोई किस धर्म में विश्वास रखता है, हमें उससे कोई दिक्कत नहीं। हर किसी को अपनी आस्था चुनने की आज़ादी है। लेकिन आतंकवादियों को हमने सिर्फ इसलिए मारा क्योंकि उन्होंने हमारे निर्दोष नागरिकों को मारा था।"

नागरिकों और सैन्य ठिकानों को नहीं बनाया निशाना : 

राजनाथ सिंह ने दोहराते हुए कहा है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बीच न तो किसी नागरिक को नुकसान पहुंचाया और न ही किसी सैन्य ठिकाने को अपना टारगेट बनाया। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि भारत चाहकर भी ऐसा कर सकता था, लेकिन ऐसा करना देश के चरित्र के विरुद्ध होता।

मोरक्को का पहला दौरा :

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार से दो दिवसीय मोरक्को दौरे पर हैं। यह किसी भारतीय रक्षा मंत्री का पहला आधिकारिक दौरा है। रविवार को कैसाब्लांका मोहम्मद वी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने के लिए मोरक्को मिलिट्री कमांड के प्रमुख वली मौजूद थे। भारतीय राजदूत संजय राणा और इंडियन एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भी उनका स्वागत किया।

पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर :

इतना ही नहीं 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 भारतीयों को मौत के घाट उतार दिया था। हमलावरों ने पीड़ितों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी। इसके जवाब में, भारत ने 6-7 मई की मध्यरात्रि को पाक के विभिन्न शहरों में स्थित जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के नौ ठिकानों पर सटीक हमले किए।

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