सर्वाइकल दर्द जिसे सर्वाइकलगिया भी कहा जाता है। यह आमतौर पर गर्दन से जुड़ा हुआ दर्द होता है। सर्वाइकल दर्द में लोगों को गर्दन से लेकर कमर और रीढ़ की हड्डी तक दर्द हो सकता है। यह दर्द कई दिनों से लेकर हफ्तों और महीनो तक भी रह सकता है। आजकल लगातार घंटो तक एक ही जगह एक पोस्चर में बैठे रहने के कारण यह एक आम बीमारी बन गई है। 10 में से लगभग 3 से 4 व्यक्ति इससे परेशान रहते है। इसके अलावा शारीरिक और मानसिक तनाव, खराब पोस्चर में घंटो बैठना, खिंची मासपेशियां और अन्य कारण इसके होने के पीछे की वजह हो सकती है। सर्वाइकल में आपको दर्द गर्दन के साथ-साथ कंधों और कमर में भी फ़ैल सकता है। इस दर्द से मनुष्य की दैनिक गतिविधियों में भी बाधा आती है।
सर्वाइकल दर्द से निपटने के लिए ऐसे कई उपाय है जिन्हें आप अपना सकते है। लेकिन पहले जान लेते है कि, इसके लक्षण क्या है?
गर्दन और कंधों में लगातार दर्द होना सिरदर्द होना खासकर सिर के पिछले हिस्से में दर्द होना गर्दन सहित कंधो और पीठ में अकड़न होना गर्दन हिलाने, मोड़ने और सर घुमाने में कठिनाई होना हाथों और कंधों में झुनझुनी या सुन्नता महसूस होना हाथ और पैर में कमजोरी महसूस होना शरीर का संतुलन बनाए रखने में परेशानी होना साथ ही आँखों में जलन होना सर्वाइकल दर्द होने के क्या हो सकते है कारण? मांसपेशियों में तनाव खराब पोस्चर पुरानी चोट आर्थराइटिस ट्यूमर नींद में कमी सदमा या मानसिक क्षति मानसिक तनावआयुष मंत्रालय की रिपोर्ट्स में बताया गया है कि- स्पोंडिलोसिस अपक्षयी गठिया, रीढ़ की हड्डी के कशेरुक तथा संबंधित ऊतक की ऑस्टियोआर्थराइटिस है। यदि गंभीर हो तो यह तंत्रिका जड़ों पर दबाव का कारण बन सकता है तथा उसके बाद अंगों में दर्द या पेरेस्टेसिया भी संबद्ध होता है। गर्दन का दर्द सबसे आम समस्याओं में से एक है जिसे व्यक्ति दिन-प्रतिदिन के जीवन में अनुभव करता है। यह शायद सर्दी के समान आम है। जब दो आसन्न कशेरुकाओं के बीच की जगह संकुचित हो जाती है, रीढ़ की हड्डी से उभरती हुई तंत्रिका जड़ के संपीड़न से रेडिकुलोपैथी (संवेदी और संचलन प्रणाली की गड़बड़ी, जैसे गले में गंभीर दर्द, कंधे, बांह, पीठ, मांसपेशियों की कमजोरी के साथ) हो सकती है। मेरुदण्ड (विशेष रूप से सर्वाइकल स्पाइन) पर प्रत्यक्ष दबाव के परिणामस्वरूप कमजोरी, चाल का दोष, असंतुलन हो सकता है। तंत्रिका संपीड़न और रक्त के प्रवाह की कमी के कारण मरीज को बाहुओं और हथेलियों में झुनझुनी, सुन्नता और कमजोरी का अनुभव हो सकता है।
कारण: सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस ग्रीवा रीढ़ की हड्डियों के बीच गर्दन कशेरुकाओं और जोड़ों के बीच कुशन सहित ग्रीवा रीढ़ की पुराने अपक्षय के परिणामस्वरूप होता है। कशेरुकाओं (रीढ़ की हड्डियाँ- ऑस्टियोफाइट्स) पर असामान्य वृद्धि या स्पर्स हो सकते हैं। अधः पतन के कारण हुए यह संचित परिवर्तन धीरे-धीरे एक या एक से अधिक तंत्रिका जड़ों को संपीडित कर सकते हैं।
1. मांसपेशियों में तनाव : सर्वाइकल के दर्द में गर्दन की मांसपेशियों में तनाव या खिंचाव कई गुणा बढ़ जाता है जिसकी वजह से लोगों का ध्यान किसी भी काम पर नहीं लगता।
2. खराब पोस्चर : काम करते समय या कंप्यूटर के सामने बैठे रहने के समय हमारा पोस्चर अधिकांश बिगड़ ही जाता है जिसकी वजह से शरीर के कई हिस्सों में दर्द भी महसूस होने लग जाता है। ऐसे में कई बार गर्दन में दवाब पड़ता है जिससे सर्वाइकल दर्द हो सकता है।
3. पुरानी चोट : पुरानी चोट जैसे की बचपन में खेलते समय किसी भी तरह की चोट के कारण स्लिप डिस्क होने की वजह से भी बाद में सर्वाइकल दर्द होना शुरू हो जाता है।
4. आर्थराइटिस : जोड़ों की सूजन और दर्द से जुड़ी ये एक बहुत ही आम समस्या मानी जाती है, जो एक या कई जोड़ों को प्रभावित कर सकती है, जिससे दर्द, सूजन और गतिशीलता में भारी कमी भी देखने के लिए मिलती है।
आर्थराइटिस के प्रकार: ऑस्टियोआर्थराइटिस रूमेटोइड आर्थराइटिसऑस्टियोआर्थराइटिस: यह जोड़ों के मौजूद (cartilage) के क्षरण की वजह से शुरू हो जाता है, जो हड्डियों के सिरों को ढकता है।
रूमेटोइड आर्थराइटिस: यह एक तरह की ऑटोइम्यून बीमारी कही जाती है, इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों पर अटैक करना शुरू कर देता है।
अन्य प्रकार:
आर्थराइटिस के अन्य प्रकारों में गाउट रिएक्टिव आर्थराइटिस इंफलेमेटरी आर्थराइटिस शामिल हैं। आर्थराइटिस से बचाव: ज्यादा वजन बन सकता है इस बीमारी का कारण नियमित रूप से व्यायाम करें अपनी चोटों को रखें खास ध्यान स्वस्थ आहार का करें सेवन धूम्रपान से बनाएं दूरीज्यादा वजन बन सकता है इस बीमारी का कारण: ज्यादा वजन जोड़ों पर दबाव तेजी से बढ़ने लग जाता है, जिससे आर्थराइटिस का खतरा बढ़ता जा रहा है।
नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित रूप से व्यायाम जोड़ों को मजबूत करने और लचीला बनाए रखने में सहायता करता है, इसकी वजह से सर्वाइकल का दर्द भी कम होने लग जाता है।
अपनी चोटों को रखें खास ध्यान: यदि आपको बचपन में किसी भी तरह की चोटें लगी है या फिर आप कई बात चोटिल हो चुके है तो आपको भी इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि आप इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
स्वस्थ आहार का करें सेवन: एक अच्छी हेल्थ के लिए आपके लिए बहुत ही जरुरी है कि आप स्वस्थ आहार का ही सेवन करें इससे आपको इस समस्या से छुटकारा पाने में सहायता मिलेगी।
धूम्रपान से बनाएं दूरी: धूम्रपान आपकी सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक हो सकता है, यदि आप भी धूम्रपान का सेवन करते है तो आज से ही बंद कर दें नहीं तो आपको कई तरह की बीमारी का भी सामना करना पड़ सकता है।
5. ट्यूमर : कई लोगों में रीढ़ में ट्यूमर की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है, और इस तरह की बीमारी भी सर्वाइकल की वजह से होती है।
6. नींद में कमी : कई बार कम नींद होने के कारण और गलत तकिए की वजह से हम सभी की गर्दन या रीढ़ की हड्डी में दर्द होना शुरू हो जाता है, ऐसे में हमे इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि आप अपनी नींद का खास ध्यान दें और समय पर सो जाएं।
7. सदमा या मानसिक क्षति: व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं भी होती है जो कि उनके दिमाग को बहुत ही अधिक हानि पहुँचाती है, या फिर किसी भी प्रकार का ऐसा सदमा जो जीवन भर के लिए आपके लिए दिमाग में रह जाए ये भी सर्वाइकल के दर्द का कारण बन जाती है।
8. मानसिक तनाव : आज कल मानसिक तनाव का पैदा होना बहुत ही आम बात बन चुका है, आपके कार्यलय में वर्कलोड अधिक होने की वजह से या फिर घरेलू झगड़ों की वजह से भी सर्वाइकल का दर्द होना शुरू हो जाता है।
सर्वाइकल के दर्द को बिलकुल भी हलके में न लें नहीं तो आपकी परेशानी और भी ज्यादा बढ़ सकती है। / Social media
कैसे करे सर्वाइकल दर्द का उपाय? दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना फिजियोथेरेपी इंजेक्शन मनोवैज्ञानिक थेरेपी सर्जरी1. दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना: बाजार में कई दवाइयां आती है, जिनसे आपको दर्द में राहत मिल सकती है। आप चिकित्सक से सलाह लेकर उन दवाइयों का सेवन कर सकते है।
2. फिजियोथेरेपी : आप अपने दर्द से आराम पाने के लिए फिजियोथेरेपी भी ले सकते है।
3. इंजेक्शन : स्टेरॉयड इंजेक्शन की मदद से भी सर्वाइकल दर्द में राहत मिलती है।
4. मनोवैज्ञानिक थेरेपी : तनाव या पुराने किसी सदमे के कारण होने वाले दर्द में आप मनोवैज्ञानिक थेरेपी की भी सहायता ले सकते है। इसमें थेरेपिस्ट आपके अंदर के सारे तनाव को निकालने में मदद करते है।
5. सर्जरी : कई बार गर्दन में किसी पुरानी चोट की वजह से भी सर्वाइकल दर्द हो सकता है। ऐसे में आप रीढ़ की हड्डी जगह से खिसकने में अपनी सर्जरी करवा सकते है। इससे आपको अपने सर्वाइकल दर्द में काफी आराम मिलेगा।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में दिए हुए सर्वाइकल के दर्द से जुड़े किसी भी तरह के उपाए को करने से पूर्व आप एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श आवश्यक लें।