महाराष्ट्र में जारी है किसानों का आंदोलन, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

Highlights नागपुर में बच्चू कडु के नेतृत्व में किसानों का कर्जमाफी आंदोलन जारी। आंदोलनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को किया बंद। सरकार पर वादाखिलाफी, सूखा राहत व फसल मुआवजा न देने का लगाया आरोप।

मुंबई : महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर नागपुर में जारी आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलन का नेतृत्व पूर्व मंत्री और प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडु कर रहे हैं। हजारों की संख्या में किसान राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर धरने पर बैठे हैं, जिससे नागपुर-हैदराबाद मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है। आंदोलनकारियों ने अब ट्रेनों को रोकने की चेतावनी भी दी है, जिससे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।​

कर्जमाफी नहीं तो ट्रेनें रोकेंगे : बच्चू कडु

बच्चू कडु ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा है कि “अगर राज्य सरकार के पास किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पैसे नहीं हैं, तो केंद्र सरकार को दखल देना चाहिए। किसानों की हालत बदतर है, वे कर्ज में डूब रहे हैं और आत्महत्या के कगार पर पहुंच चुके हैं।” उन्होंने ऐलान किया कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो दोपहर 12 बजे के बाद किसान ट्रेनें रोकेंगे। मंगलवार को भी प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी।

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप :

किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार ने कर्जमाफी और सूखा राहत पैकेज का कई बार वादा किया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सूखे और फसल नुकसान की वजह से किसान आर्थिक संकट में हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सोयाबीन और कपास जैसी प्रमुख फसलों का समर्थन मूल्य घोषित तो हुआ, लेकिन किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री पर बच्चू कडु का हमला :

बच्चू कडु ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सीधा निशाना साधते हुए कहा -“मुख्यमंत्री के पास किसानों से मिलने का समय नहीं है। उन्होंने कहा था कि सोयाबीन फसल के लिए छह हजार रुपये की मदद दी जाएगी और हर फसल पर 20% बोनस मिलेगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मध्य प्रदेश में भावांतर योजना लागू है, जबकि महाराष्ट्र में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।” उन्होंने कहा कि वर्तमान में 1.5 लाख किसान प्रदर्शन में शामिल हैं और एक लाख से अधिक किसान और आने वाले हैं।

सरकार की चुप्पी से बढ़ा असंतोष :

प्रहार पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले लेगा। बच्चू कडु ने कहा कि यह केवल एक जिले की लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे महाराष्ट्र के किसानों की आवाज है।

प्रशासन अलर्ट पर :

राजमार्ग बंद होने से ट्रैफिक व्यवस्था ठप हो गई है। प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया है, लेकिन किसान हटने को तैयार नहीं हैं। राज्य सरकार फिलहाल स्थिति पर नजर बनाए हुए है, हालांकि अब तक किसी वार्ता की घोषणा नहीं की गई है। इस बीच, किसान संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक कर्जमाफी, फसल मुआवजा और सूखा राहत पर ठोस निर्णय नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।

Related News