लोनावाला महाराष्ट्र का सबसे खूबसूरत और आकर्षक शहर है, जिसकी खोज वर्ष 1871 में सर एलफिंस्टन ने की थी और वे मुंबई प्रशासन के गवर्नर रहे। हालाँकि इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि इस शहर का नाम लोनावाला किस वजह से रखा गया, लेकिन मुख्य किंवदंती यह है कि शहर का नाम संस्कृत शब्द “लोनावली” से लिया गया है जिसका अर्थ है गुफाओं से चारो तरफ से घिरा हुआ। प्रसिद्ध ऐतिहासिक किंवदंतियों की माने तो, ऐतिहासिक वक़्त में इस शहर पर यादव वंश का शासन था। बाद में, मुगलों ने शहर की गद्दी संभाली और लंबे वक़्त तक शासन किया। फिर, मुगलों के पश्चात, शहर मराठों और पेशवाओं के शासन से गुजरा और उनके शासन काल में, लोनावाला में कई किले और स्थान स्थापित कर दिए गए। अंत में, साल 1818 में शहर का पूरा नियंत्रण अंग्रेजों के हाथों में पहुंच गया। आज़ादी के पश्चात, लोनावला शहर ने इंडिया के महाराष्ट्र राज्य में एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन का रूप लिया। लोनावला में कई गुफाएँ मुख्य आकर्षण हैं और ये गुफाएँ इतिहास के पन्नो में बहुत महत्व रखती है। कार्ला, बेडसा और भजा जैसी गुफाएँ दूसरी शताब्दी में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा मुख्य रूप से अपने ध्यान के लिए बनाई गई थीं । साथ ही, कुछ मिथकों के मुताबिक, लोनावला में रहने वाले पहले लोग “अलंदी” के चार बच्चे थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन इंद्रायणी के तट पर बिताया।
लोनावला: एक पहाड़ी इलाका-लोनावला एक छोटा सा पहाड़ी इलाका है, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यह इलाका सह्याद्री पर्वत श्रृंखला में स्थित है, और यहाँ की पहाड़ियाँ और घाटियाँ बहुत ही खूबसूरत हैं। लोनावला में कई झरने, तालाब और पार्क हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। लोनावला की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय मानसून का मौसम है, जब यहाँ की पहाड़ियाँ और घाटियाँ हरी-भरी हो जाती हैं और झरने अपने पूरे शबाब पर होते हैं। इस समय यहाँ की यात्रा करना एक अलग ही अनुभव होता है, और पर्यटकों को यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का पूरा आनंद लेने का मौका मिलता है।
लोनावला में कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- लोनावला झील: यह एक सुंदर झील है, जो लोनावला के केंद्र में स्थित है। यहाँ पर पर्यटक नौकायन कर सकते हैं और झील के आसपास के क्षेत्र में घूम सकते हैं। - भुशी बांध: यह एक छोटा सा बांध है, जो लोनावला से कुछ दूरी पर स्थित है। यहाँ पर पर्यटक पिकनिक मना सकते हैं और बांध के आसपास के क्षेत्र में घूम सकते हैं। - ड्यूक की नाक: यह एक पहाड़ी चोटी है, जो लोनावला से कुछ दूरी पर स्थित है। यहाँ से लोनावला के आसपास के क्षेत्र का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
महाबलेश्वर:यदि आप भी इस बार बारिश के मौसम में अपने दोस्तों और परिवारों के साथ महारष्ट्र के सतारा जिले में स्थित खूबसूरत हिल स्टेशन महाबलेश्वर घूमने के लिए जा सकते है। इस जगह पर आपको सुंदर वादियां, दूर-दूर तक फैले हुए पहाड़, नदियां, झरने और कई किले भी देखने के लिए मिलेंगे। मानसून और गर्मियों के मौसम में बहुत तादाद में टूरिस्ट महाबलेश्वर की सुंदरता का आनंद लेने के लिए जाते है। यहां चारों तरफ फैली हरियाली और शांत वातावरण पर्यटकों का दिल जीतने के लिए काफी है।
प्रमुख स्थान:
एलफिंस्टन पॉइंट – गहरी घाटियों का शानदार दृश्य वेन्ना झील – नौका विहार और शाम की सैर के लिए लोकप्रिय प्रतापगढ़ किला – शिवाजी महाराज का ऐतिहासिक किला अर्थुर सीट पॉइंट – बादलों से ढकी घाटियों का दृश्य राजमाची किला:महाराष्ट्र के लोनावला इलाके में बास हुआ एक प्रसिद्ध किला है। यह किला समुद्र तल से लगभग 2,700 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से चारों ओर का दृश्य बेहद ही खास है। राजमाची किला न केवल अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी पहचाना जाता है, बल्कि इस जगह को लवर्स पॉइंट्स के नाम से भी जाना जाता है। राजमाची का किला भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे छत्रपति शिवाजी महाराज के वक़्त में बनाया गया था और इसका उद्देश्य इस इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। किले के भीतर कई प्राचीन मंदिर और संरचनाएँ हैं, जो उस वक़्त की स्थापत्य कला को दर्शाती हैं। यहाँ की दीवारें और दरवाजे आज भी अपने ऐतिहासिक महत्व को जिन्दा रखी हुई है।
हरिश्चंद्रगढ़:हरिश्चंद्रगढ़ में मौजूद मंदिर एक पहाड़ी को काटकर बनाया गया। यह मंदिर बहुत ही सुंदर है और इसकी वास्तुकला श्रद्धालुओं और पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने का काम करती है। यह मंदिर हरिश्चंद्रगढ़ किले पर बनाया गया है। यह किला अहमदनगर जिले में स्थित है। यह पर्वतीय दुर्ग बेहद प्राचीन है और महाराष्ट्र के अहमदनगर में मालशेज घाट पर 1,422 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। यह पहाड़ी किला अपनी नायाब प्राकृतिक सुंदरता के लिए देशभर में लोकप्रिय है। सैलानी यहां से आसपास के नजारों का लाभ भी उठा पाएंगे।
हरिश्चंद्रगढ़ पर 3 प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। जिनमें मंदिर भी शामिल है। कहा जाता है कि यह मंदिर 11वीं सदी का है। जिसके साथ साथ कोंकण कड़ा और तारामती शिखर भी इसी किले पर स्थित है जिन्हें देखने के लिए देश के कोने-कोने से घूमने वाले यहाँ आते है। इस किले का इतिहास 6वीं शताब्दी का कहा जाता है जब कलचुरी वंश का शासन था।इस किले पर 16वीं शताब्दी में मुगलों का नियंत्रण था। यहां मराठों ने भी हुकूमत चलाई थी।
देश की आर्थिक कही जाने वाली राजधानी मुंबई के नजदीक एक ऐसा हिल स्टेशन मौजूद है जिसे देखकर आपको एक दम हिमाचल और उत्तराखंड के नजारे आपको याद आने लग जाएंगे। यहां पर आपको प्रकृति की हसीन वादियों के निकट आध्यात्म और एडवेंचर दोनों ही देखने के लिए मिलने वाला है, वहीं दोनों के लिए विपश्यना केंद्र(Vipassana International Academy), धम्म गिरी(Dhamma Giri), घाटनदेवी मंदिर(Ghatandevi Temple), अमृतेश्वर मंदिर(Amruteshwar Temple), कलसुबाई पीक(Kalsubai Peak) की सैर का लुत्फ़ भी उठा सकते है।
महाराष्ट्र का शांत हिल स्टेशन है इगतपुरी:महाराष्ट्र के पश्चिमी भाग में बसा इगतपुरी (Igatpuri) एक हिडन जेम कहा जाता है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, रोमांच और शांति का एक बेहतर स्पेस प्रदान करता है, नासिक से कम से कम 45 KM और मुंबई से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, यह सुरम्य हिल स्टेशन उन यात्रियों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है जो शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर एक शांत के लिए जगह की तलाश में रहते है।
मानसून में घूमने के बेस्ट स्थान:
इगतपुरी का वातावरण बेहद ही स्वच्छ और मनमोहक होता है, जिनमें हरी-भरी पहाड़ियां, झरने और भी ज्यादा खूबसूरत है। सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाएं इस स्थान की खूबसूरती में चार चाँद लगाने का काम करते है। प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफ़रों के लिए यह स्थान बहुइट ही अच्छा कहा जाता है। मानसून के मौसम में, पूरा इलाका हरियाली और धुंध से ढकी पहाड़ियों से जी उठता है।
धम्म गिरी:इगतपुरी सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता और रोमांच के लिए लोकप्रिय नहीं; बल्कि ये आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। यह शहर विश्व प्रसिद्ध विपश्यना अंतर्राष्ट्रीय अकादमी (Vipassana International Academy) का घर है, जिसे धम्म गिरि (Dhamma Giri) के नाम से भी पहचानी जाती है। यह ध्यान केंद्र विश्वभर से आगंतुकों को आकर्षित करता है जो विपश्यना सीखने और अभ्यास करने आते हैं, जो ध्यान का एक प्राचीन रूप है, केंद्र दस दिवसीय आवासीय पाठ्यक्रम प्रदान करता है जो एक गहन और परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान दे सकता है।