नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2025 को लाल किले से किए गए ऐलान के पश्चातअब जीएसटी (GST) सुधारों की दिशा में अहम कदम बढ़ाया जा रहा है। बुधवार यानि 2 सितंबर 2025 से शुरू हुई GST काउंसिल की 2 दिवसीय बैठक में टैक्स ढांचे को सरल बनाने और उपभोक्ताओं को सीधी राहत देने के लिए बड़े फैसले लिए जाने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। इस बैठक में चार टैक्स स्लैब को घटाकर सिर्फ दो स्लैब रखने पर अंतिम मुहर लग सकती है।
वित्त मंत्री का बयान :
खबरों का कहना है कि देश में तमाम अलग-अलग टैक्स को समाप्त करते हुए GST को 1 जुलाई 2017 को लागू कर दिया गया था, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी सुधारों का लक्ष्य अर्थव्यवस्था को और पारदर्शी बनाना और छोटे उद्योगों को मजबूती देना है। उन्होंने भरोसा जताया कि बदलाव से आम जनता को राहत मिलेगी और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
चार नहीं, अब रहेंगे सिर्फ दो स्लैब
खबरों का कहना है कि जीएसटी में चार टैक्स स्लैब—5%, 12%, 18% और 28% लागू हैं, सरकार की योजना 12% और 28% वाले स्लैब को हटाने की है, जिससे सिर्फ 5% और 18% स्लैब ही रह जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल को देशवासियों के लिए "दिवाली गिफ्ट" बताया है। हालांकि, अनुमान है कि इससे करीब 40,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है, लेकिन सरकार का मानना है कि यह सुधार आम आदमी के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा।
किन सामानों पर मिलेगी छूट? :
अगर प्रस्ताव पास हो जाता है तो दूध, पनीर, साबुन, तेल और कपड़े जैसे रोजमर्रा के उपयोग के सामान सस्ते हो सकते हैं। वही स्लैब चेंज होने पर जूते, TV, AC, मोबाइल और कार-बाइक्स के दाम में भी बड़ी कमी देखने को मिल सकती है। वहीं 5% स्लैब में आने वाले सामान में जैसे नमकीन, चिप्स, पास्ता, नूडल्स, जैम, केचप, पैकेज्ड जूस, घी, मक्खन, चीज और दूध से बने पेय पदार्थ। इतना ही नहीं 18% से घटकर 5% वाले उत्पाद जैसे चॉकलेट, फ्लेक्स, पेस्ट्री और आइसक्रीम।
शिक्षा से जुड़े सामानों को भी राहत :
खबरों की माने तो सरकार शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त करने पर विचार कर रही है। इसमें मानचित्र, वॉटर सर्वे चार्ट, एटलस, ग्लोब, शैक्षिक चार्ट, पेंसिल-शार्पनर, प्रैक्टिस बुक, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक शामिल हैं, जिन पर फिलहाल 12% टैक्स लगता है।
उद्योग और उपभोक्ताओं के लिए राहत :
इतना ही नहीं बैठक में हैंडलूम उत्पाद, ₹1,000 से कम कीमत के जूते, सीमेंट एवं रेडी-मिक्स कंक्रीट पर टैक्स दरें घटाने का भी प्रस्ताव है। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण जैसे एसी, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और मोबाइल फोन की कीमतों में कमी आने की संभावना है। छोटी कारों और दोपहिया वाहनों पर भी टैक्स 28% से घटाकर 18% करने पर फैसला लिया जा सकता है।