अच्छा रिश्ता चाहते है तो अपने पार्टनर को दें ज्यादा से ज्यादा वक्त?

Highlights टॉक्सिक रिलेशनशिप बर्बाद कर देता है जिंदगी। रिश्ते में भरोसा न हो तो नहीं चलता वैवाहिक जीवन। टॉक्सिक रिलेशनशिप से बचने के लिए इमोशनल और मेंटेल एब्यूज की पहचान जरुरी।

प्रेम और विवाह संबंध जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं, जो भावनात्मक संतुलन, आत्म-संतुष्टि और सामाजिक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लव रिलेशनशिप और मैरिड रिलेशनशिप के बीच कई समानताएँ और अंतर होते हैं। यह लेख इन दोनों संबंधों की प्रकृति, उनके लाभ, चुनौतियाँ और सफल संबंधों के लिए आवश्यक तत्वों पर प्रकाश डालेगा। लव रिलेशनशिप क्या है? लव रिलेशनशिप दो व्यक्तियों के बीच एक भावनात्मक और मानसिक संबंध होता है, जिसमें पारस्परिक आकर्षण, आपसी समझ और भावनात्मक समर्थन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह संबंध विवाह से पहले भी हो सकता है और कभी-कभी विवाह में परिवर्तित हो सकता है।

लव रिलेशनशिप क्या है? :

लव रिलेशनशिप दो व्यक्तियों के बीच एक भावनात्मक और मानसिक संबंध होता है, जिसमें पारस्परिक आकर्षण, आपसी समझ और भावनात्मक समर्थन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह संबंध विवाह से पहले भी हो सकता है और कभी-कभी विवाह में परिवर्तित हो सकता है।

मैरिड रिलेशनशिप क्या है? :

मैरिड रिलेशनशिप दो व्यक्तियों के बीच एक कानूनी और सामाजिक रूप से मान्यता प्राप्त बंधन होता है, जो प्रेम, समर्पण और आपसी जिम्मेदारियों पर आधारित होता है।

फीलिंग्स के बारें में न सोचना या उसे समझने की कोशिश ही न करना :

अधिकांश ऐसा होता है कि पुरुष हो या महिला, किसी रिश्ते में कुछ बातें अपने पार्टनर के साथ नहीं कर सकते। पर यदि कोई ऐसा बोलता है कि सामने वाला इंसान उसे नहीं समझाता और उसकी फीलिंग्स की कदर नहीं करता उसकी बातों को सीरियस नहीं लेता, और ये एक तरह का  टॉक्सिक रिलेशनशिप हो सकता है। जैसे कि-

भावनात्मक दूरी: व्यक्ति रिश्ते में होते हुए भी मानसिक रूप से अलग महसूस कर सकता है। अतीत के अनुभव: यदि किसी को पहले दिल टूटने या धोखे का सामना करना पड़ा हो, तो वे अपनी भावनाओं को दबा सकते हैं। अहम (Ego) या आत्मकेंद्रित स्वभाव: कुछ लोग अपने दृष्टिकोण को ही सबसे सही मानते हैं और पार्टनर की भावनाओं को नज़रअंदाज़ करते हैं। अन्य प्राथमिकताएँ: काम, करियर या व्यक्तिगत मुद्दे रिश्ते से अधिक महत्वपूर्ण लग सकते हैं। कम्युनिकेशन गैप: अगर बातचीत खुलकर नहीं होती, तो एक-दूसरे की भावनाओं को समझना मुश्किल हो सकता है। रिश्ते में नकारत्मकता :

कुछ रिश्तों में दोनों ही एक-दूसरे को अपनी बातें खुलकर नहीं समझा पाते, जिसकी वजह से दोनों लोगों के बीच तर्क वितर्क शुरू हो जाता है, इतना ही नहीं ये बातें कब लोगों के रिश्ते को खराब कर सकते है। जिसकी वजह से रिश्ते में नकारत्मकता तेजी से बढ़ने लग जाती है, और इसी तरह से ये टॉक्सिक रिलेशन की सीढ़ी बन जाता है , इसलिए ऐसा करने से बचें।

नियंत्रण :

ये एक ऐसा शाद है जो दोनों ही लोगों पर लागू होता है, कई बार ऐसा होता है जब एक व्यक्ति अपने पार्टनर को अलग अलग तरह से कण्ट्रोल करने की कोशिश करते है, वह व्यक्ति अपने पार्टनर को कहीं भी जाने से रोकता है, उसके हिसाब से उसे जीने नहीं देता, जिसकी वजह से उनका रिश्ता ख़राब होने लग जाता है, और एक वक़्त ऐसा भी आता है जब ये रिश्ता खत्म होने की कगार पर आ जाता है। 

जलन की भावना रखना :

जलन ये शब्द बहुत ही कॉमन होता है, ये शब्द हेल्थ और रिश्ते दोनों के लिए ही बहुत ही ख़राब हो सकता है, कई बार पजेसिव होना अच्छा है लेकिन ओवर पजेसिव होना जलन का रूप ले सकता है। इसकी वजह से आपका रिश्ता खरब हो सकता है। 

निंदा करना :

ऐसा कहा जाता है कि अच्छे रिश्ते को चलाने के लिए और मजबूत बनाने के लिए थोड़ी क्रिएटिव निंदा का भी सामना करना पड़ सकता है, लेकिन निरंतर किसी की आलोचना करते ही रहना आपके रिलेशनशिप को बहुत ही ज्यादा ख़राब कर सकता है। 

एक ही बात को पड़के रहना: कुछ रिपोर्ट्स में ये भी पाया गया है कि यदि आपका अपने पार्टनर से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया है। और आप ऐसा होने की वजह से एक दूसरे से बात भी करना बंद कर देते है, कई बार ऐसा भी होता है कि झगड़े में आप पुरानी बातें और एक ही बात को लेकर बैठें रहते है तो इससे आपके रिश्ते को परेशानी का सामना करना पड़ जाता है। 

अनादर करना :

अनादर सिर्फ़ ‘शब्दों’ में आपको देखने के लिए नहीं मिलेगा, बल्कि आप इसे रोजमर्रा की जिंदगी में किए जाने वाले कामों और पैटर्न में भी देख सकते है। कई बार आपको ऐसा लग सकता है कि सब कुछ बहुत ही आसान है और नार्मल ढंग से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसका एहसास आपको तब होने लग जाएगा जब, जरा- जरा सी बातों में नीचा दिखाना या फिर मजाकिया अंदाज़ में तंज कसना भी अनादर का ही एक रूप माना जाता है। अधिकांश रिश्तों में ऐसा भी देखने के लिए मिलता है कोई भी कपल उनकी हमेशा भूलने की आदत हो जाती है, इस तरह की चीजें अच्छे रिश्ते के लिए हानिकारक साबित हो सकती है, जो कि वास्तव में चिंता का विषय है। पार्टनर के अन्य अन्य व्यवहारों से पता चलता है कि वे हमेशा आपके समय का अनादर करते हैं, आपको इंतज़ार करवाते हैं या आपको महत्व कम देते है। वे अपनी प्रतिबद्धताओं या वादों को पूरा नहीं करते, किसी तरह आप कभी नहीं जान पाते कि वे क्या कर रहे हैं और आप उनके साथ किस तरह से अपना रिश्ता चला रहे है। आपको इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि कुछ लोग ऐसे भी होते है जो चीजों को भूल जाते है, या किसी भी प्लान को बनाने के बाद उसे पूरा नहीं करते है, अगर आप उनसे इस बारें में बात करते हैं, तो वे अपनी इन आदतों में थोड़ा ही सही लेकिन बदलाव कर सकते है और खुद में एक नया सुधार ला सकते है। यदि आपको ये लग रहा है कि आपके पार्टनर से अनजाने में ऐसा हुआ है तो इससे आपको कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन आप इस तरह की समस्या का बार बार सामना करते है तो ये आपको अंदर से परेशान या फिर ठेस पहुंचा सकता है, तो सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप अपने पार्टनर से बैठकर सभी चीजों में पूर्ण रूप से स्पष्ट करें।

पार्टनर पर ध्यान न देना या फिर एक दूसरे को इग्नोर करना :

इस तरह की परेशानी कई बार कपल्स के बीच देखने के लिए मिलती है। जब आपको लगे कि आपकी ज़रूरतों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है, चीज़ें आपकी इच्छाओं और कंफर्ट के ख़िलाफ़ जाने लगी है।  आप देखेंगे कि आपका साथी इसके बारे में चिंतित नहीं है, बल्कि एक इग्नोरिंग रवैया दिखाई दे रहा है। खासकर तब जब वह आपको और आपके साथ चल रही परेशानियों को ध्यानपूर्वक न सुने, और आपकी फीलिंग्स को इग्नोर करके अपनी बातों को आगे रखें, किसी तरह, वे लगातार आपकी भावनात्मक और व्यावहारिक ज़रूरतों को स्वीकार करने, समझने या जवाब देने में असफल रहें। 

अपने पार्टनर का साथ न देना :

एक स्वस्थ रिश्ता एक-दूसरे के प्रति आपसी समर्थन के साथ भी जुड़ा हुआ होता है, जहाँ एक-दूसरे का ख्याल रखने, उन्हें सफल होते और जीवन में आगे बढ़ते देखने की इच्छा रखना और अपनी भावनाओं को जाहिर रखना। लेकिन कई बार कपल्स के बीच ये देखने के लिए मिलता है कि दोनों के बीच कितना कड़ा मुकाबला है, हो सकता है कि साथी आपको प्रोत्साहित न करे, आपकी सफलता के लिए खुश न हो और आपके लिए उस जगह पर भी न आए। एक को दूसरे की सफलता से 'ईर्ष्या' हो सकती है और वह उनके बारे में कोई सकारात्मक सोचने से बचता है।

मैनिपुलेशन :

कभी-कभार झूठ बोलना और लगातार मैनिपुलेशन करना, एक अच्छे रिश्ते में दरार पैदा कर देता है। आपने अक्सर उन्हें झूठ बोलते, कुछ बातों को बढ़ा-चढ़ाकर बताते, किसी तरह से सच को तोड़-मरोड़ कर पेश करते या कुछ महत्वपूर्ण बातों को छिपाते हुए देखा होगा ताकि आप उन पर विश्वास करें और उन चीजों पर गौर करें जो आपके पार्टनर से जुड़ी हुई है वे ऐसा इसलिए कर सकते हैं ताकि आप ‘उनके बारे में एक निश्चित राय’ बनाकर रखें। जब भी आपके साथ ऐसा होता है या फिर आपका पसंदीदा व्यक्ति जब ऐसा करें तो रिश्ता ख़राब हो सकता है। कई बार ऐसा भी देखने के लिए मिलता है आपका साथी आपको कई अलग अलग तरह से आघात पहुंचाता है, या फिर आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचा देता है।  

ध्यान रखने योग्य बातें :

यदि आप भी अपने रिश्ते को अछि तरह से चलाना चाहते है, तो आपको इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि आप एक-दूसरे की छोटी-छोटी बातों का खास ध्यान दें, उसकी बातों को ध्यान से सुने, उसे ज्यादा से ज्यादा अपना वक्त दें, एक-दूसरे की इज्जत करें आदि इससे आपका रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत बन जाएगा।

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