भारत और कनाडा के रिश्ते में होगा सुधार, जयशंकर-आनंद की बैठक में नया रोडमैप तैयार

Highlights विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कनाडाई विदेश मंत्री अनीता आनंद की दिल्ली में हुई मुलाकात। पीएम मोदी और कनाडाई पीएम की मुलाकात में सकारात्मक दृष्टिकोण पर बनी सहमति। व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान-तकनीक, AI, क्रिटिकल मिनरल्स और ऊर्जा में साझेदारी का रोडमैप तैयार।

नई दिल्ली : भारत एवं कनाडा के रिश्तों में ठंडे दौर के पश्चात एक नई शुरुआत होती हुई दिखाई दे रही है. वहीं आज दोपहर जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर एवं कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आमने-सामने आए, तो माहौल औपचारिक होने के साथ-साथ उम्मीदों से भर गया था.

इतना ही नहीं जयशंकर ने साफ शब्दों में ये भी कहा है कि भारत अब रिश्तों को पुनर्जीवित करने एवं रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ाने की. उन्होंने इस बारें में भी याद दिलाया कि कुछ ही वक़्त पूर्व पीएम मोदी एवं कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी के मध्य कनानास्किस में हुई मुलाकात में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने पर सहमति भी हुई. जयशंकर ने ये भी कहा है कि हमारा प्रयास है कि रिश्तों को फिर से भरोसे की नींव पर खड़ा किया है. हमारे प्रधानमंत्रियों की यही अपेक्षा है.

बीते एक माह में कई स्तरों पर पूर्ण हुआ संवाद :    अनीता आनंद ने आज सुबह ही पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. जयशंकर ने इस बारें में बात करते हुए कहा है कि कनाडाई मंत्री ने सीधे प्रधानमंत्री से भारत के सहयोग की दृष्टि पर वार्तालाप भी की है. जयशंकर ने जानकारी दी है कि दोनों देशों के मध्य बीते एक माह में कई स्तरों पर संवाद हुआ है.

इतना ही नहीं 18 सितंबर को दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक नई दिल्ली में ही हुई. 19 सितंबर को विदेश मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों ने रिश्तों की समीक्षा की एवं 11 अक्टूबर को दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों की वार्तालाप ने आर्थिक सहयोग की दिशा तय कर ली.

भारत की तरफ से इस बारें में कहा गया है कि कनाडा हमारे लिए एक पूरक अर्थव्यवस्था है, एक खुला समाज है. विविधता एवं बहुलवाद हमारी साझी शक्ति है. आज की बैठक के लिए दोनों देशों ने एक महत्वाकांक्षी रोडमैप भी बनाया जा चुका है. इसमें व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान-तकनीक, सिविल न्यूक्लियर सहयोग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्रिटिकल मिनरल्स एवं ऊर्जा जैसे अहम इलाकों में साझेदारी को आगे बढ़ाने का प्लान भी है.

उच्चायुक्तों ने संभाला काम :

जयशंकर ने यह भी कहा है कि दोनों देशों के उच्चायुक्त अब सक्रिय रूप से कार्य संभाल चुके हैं एवं बैठक का भाग हैं. विदेश मंत्री ने यह भी याद दिलाया कि इंडिया एवं कनाडा दोनों ही G20 एवं कॉमनवेल्थ के सदस्य हैं, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दोनों की सोच बहुत हद तक एक तरह की है.

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