कर्नाटक में कुत्तों के काटने से हुई मौत पर सरकार देगी 5 लाख का मुआवजा

Highlights कर्नाटक सरकार ने की कुत्तों के काटने से मौत होने पर पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा। कुत्ते के काटने पर इलाज और आर्थिक सहायता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदान की जाएगी राशि। हरियाणा सरकार ने कर्नाटक से पूर्व किया था मुआवजे का ऐलान।

कुत्तों के बढ़ते हमले और इससे होने वाली मौतों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। बुधवार को राज्य सरकार ने घोषणा की कि कुत्तों के काटने से अगर किसी व्यक्ति की मौत होती है, तो उसके परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब देशभर में डॉग बाइट से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है और कई राज्य इस पर सख्त कदम उठा रहे हैं।

सरकार के आदेश के अनुसार, जहां कुत्ते के हमले से मृत्यु की स्थिति में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे, वहीं घायल मामलों में भी आर्थिक सहायता की व्यवस्था की गई है। कुत्ते के काटने से त्वचा पर चोट, गहरा काला निशान या बार-बार काटने जैसी गंभीर परिस्थितियों में पीड़ित को 5,000 रुपये की सहायत राशि दी जाएगी। इसमें 3,500 रुपये इलाज के लिए सीधे पीड़ित को दिए जाएंगे, जबकि 1,500 रुपये सुवर्णा आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट को भुगतान किए जाएंगे, ताकि इलाज की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।

सरकार का कहना है कि यह फैसला आम लोगों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराने और गंभीर मामलों में वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से लिया गया है। कई घटनाओं में देखा गया है कि समय पर इलाज न मिलने या जागरूकता की कमी के कारण पीड़ित की हालत बिगड़ जाती है, और कई बार मृत्यु भी हो जाती है। ऐसे में यह मुआवजा नीति पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित हो सकती है।

हाल के वर्षों में कुत्तों के हमलों से जुड़े मामलों में तेजी आई है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मुद्दे पर चिंता जता चुका है और हाल ही में सभी कुत्तों—पालतू और आवारा—को अनिवार्य रूप से वैक्सीनेट करने का आदेश दिया था। कोर्ट का मानना है कि कुत्तों का टीकाकरण न केवल लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। कर्नाटक सरकार का यह निर्णय इसी दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

हरियाणा की नीति से तुलना :

कर्नाटक से पहले हरियाणा सरकार ने भी सितंबर में कुत्तों के काटने पर मुआवजे की घोषणा की थी। हरियाणा सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार, कुत्ते के काटने के प्रत्येक दांत के निशान पर न्यूनतम 10,000 रुपये का मुआवजा दिया जाता है। वहीं, 0.2 सेंटीमीटर से अधिक गहरे घाव पर न्यूनतम 20,000 रुपये तक की राशि निर्धारित है। मौत की स्थिति में भी पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाता है।

हरियाणा सरकार ने इसके लिए प्रत्येक जिले में एक समिति बनाने का आदेश दिया है, जो 120 दिनों के भीतर सभी दस्तावेजों की जांच कर मुआवजे की अनुशंसा करेगी। उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। कर्नाटक की नई नीति को भी इसी तरह के मॉडल की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।

बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण की कोशिश :

देशभर में बढ़ रहे डॉग बाइट मामलों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि महज मुआवजा देना ही पर्याप्त नहीं है। आवारा कुत्तों का वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन, बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान, टीकाकरण और लोगों में जागरूकता बढ़ाना भी आवश्यक है। कई शहरों में कूड़ा-करकट बढ़ने से कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिसके चलते ऐसे हमलों में भी वृद्धि हुई है।

कर्नाटक सरकार का यह फैसला आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ इस गंभीर समस्या पर ध्यान आकर्षित करता है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य जल्द ही व्यापक स्तर पर डॉग मैनेजमेंट और टीकाकरण से जुड़ी अन्य योजनाएं भी लागू करेगा। कुल मिलाकर, यह कदम पीड़ित परिवारों के लिए बड़ी राहत और सरकार की जिम्मेदारी का सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

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