विधानसभा चुनाव के लिए केजरीवाल ने उठाया बड़ा कदम, बिहार में अकेले लड़ेंगे चुनाव

Highlights बिहार में अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे केजरीवाल। गुजरात विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में आप को कुल 5 सीटें मिली थीं। कांग्रेस की नाक के नीचे से पंजाब पर AAP ने हासिल की थी जीत।

अहमदाबाद: गुजरात की विसावदर सीट पर हुए उपचुनाव में जीत की ख़ुशी में डूबे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा कर दी है कि वह बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को अकेले ही लड़ने वाले है, यानि कि दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले ही उस तीसरे मोर्चे की तरफ बढ़ती हुई दिखाई दे रही है, जिस पर असदुद्दीन ओवैसी भी अपनी निगाह गड़ाए हुए बैठे है। अब प्रश्न तो ये उठ रहा है कि जो अरविंद केजरीवाल एवं AAP पार्टी दिल्ली से निकलकर पंजाब पहुंच गई और गुजरात एवं गोवा में उसकी थोड़ी बहुत ताकत है, उस पार्टी के पास बिहार में कोई भी नेता है और न ही कार्यकर्ता, आखिर उसे बिहार में क्या मिलेगा? क्या बिहार विधानसभा चुनाव में केजरीवाल महज खेल ख़राब करने के लिए उतर रहे है या फिर वह एक बार फिर से 2014 वाली गलती को दोबारा करने जा रहे है, जिसमे उन्होंने वाराणसी से पीएम मोदी के विरुद्ध चुनाव लड़कर अपनी दुर्दशा कर ली थी।    आखिर किस गेम की प्लानिंग कर रहे है केजरीवाल : 

खबरों का कहना है कि केजरीवाल ने इस बारें में साफ़ कर अब वह एकला चलो रे वाले हैं, दोस्ती किसी भी सियासी दल से नहीं एवं दुश्मन तो अब सब के सब है, लेकिन अरविंद केजरीवाल  का सबसे बड़ा सियासी दुश्मन आखिर कौन है। ये बात तो साफ़ है कि है इसका उत्तर तो हर किसी को पता है, केजरीवाल ने अपनी सियासी करियर में किसी एक पार्टी को सबसे अधिक हानि पहुंचाई, तो वह कोई नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस है। 

इतना ही नहीं अपने गठन के साथ ही दिल्ली की राजनीती में उतरी AAP पार्टी ने सबसे पहले कांग्रेस को सत्ता से दूर कर दिया, वहीं शिला दीक्षित जैसी होनहार नेता का पूरा का पूरा पॉलिटिकल करियर ही खत्म कर दिया, एवं जब दिल्ली से निकलकर AAP पंजाब पहुंच गई तो वहां भी न सिर्फ कांग्रेस को ही सत्ता से हटा दिया गया, वहीं सीएम रहे चरणजीत सिंह चन्नी को भी दो दो जगह से हराकर उनकी सियासत पर भी सवालिया निशान लगा दिए, इसके बाद गुजरात में भी AAP ने भाजपा से अधिक नुकसान कांग्रेस का ही किया। 

खबरों की माने गुजरात चुनाव वर्ष 2022 में AAP को कुल 5 सीटें मिली थी, एवं इनमे से जामजोधपुर एवं विसावदर कांग्रेस पार्टी की सीट रही, जिसे AAP ने छीन ली थी।  वहीं अब केजरीवाल बिहार में अपनी नजर गड़ाए हुए बैठे है इतना ही नहीं उन्होंने ने वहां से चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया है, ऐसे में बिहार में पहले से ही लालू एवं तेजस्वी की RJD के गठबंधन में कुछ सीटें प्राप्त करने की कोशिश में लगी हुई कांग्रेस के विरुद्ध यदि केजरीवाल का कोई बड़ा प्लान कर लेते है तो इसमें कोई भी हैरानी की बात नहीं होगी, क्योंकि उन्होंने ये साफ़ साफ़ बोल दिया है कि इंडिया गठबंधन सिर्फ और सिर्फ लोकसभा के लिए ही था। 

लेकिन अब प्रश्न तो उठेगा ही कि जब केजरीवाल के पास बिहार में न कोई नेता है और न ही कोई कार्यकर्ता तो क्या वह पूरे बिहार में चुनाव लड़ने के लिए वो 243 प्रत्याशी भी खोज सकेंगे क्योंकि बीते तकरीबन 3 वर्ष से पूरे बिहार में मेहनत करने वाले शहर-दर-शहर, गांव-गांव के चक्कर काटने वाले प्रशांत किशोर भी इतनी अधिक कोशिश के बाद भी मुतमईन नहीं ही कि उन्हें उनके मन के मुताबिक 243 प्रत्याशी मिल ही जाएंगे। 

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