पीएम मोदी का फ़ोन आते ही नेतन्याहू ने रोकी अहम् केबिनेट बैठक, आखिर क्या हुई बातें

Highlights इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर गाजा शांति योजना पर की चर्चा। पीएम मोदी ने बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता के समझौते पर दी बधाई। पीएम मोदी और नेतन्याहू की चर्चा में ट्रम्प की 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना शामिल।

नई दिल्ली : पीएम मोदी से बात करने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की मीटिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। दरअसल, इजरायली प्रधानमंत्री नरेंद्र बेंजामिन नेतन्याहू गाजा में युद्ध विराम एवं बंधकों की रिहाई के समझौते पर भी खुलकर चर्चा कर चुके है। इस बीच उन्होंने बैठक रोककर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायली प्रधानमंत्री से बात करने के पश्चात एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने नेतन्याहू को गाजा शांति योजना के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं दी। इस बीच उन्होंने इस पर जोर दिया कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार नहीं  किया जा सकता।

गाजा शांति समझौते पर हो रही थी बातें : 

खबरों का कहना है कि इजरायली पीएम नेतन्याहू ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर वार्ता की। इस बीच नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की उस बैठक को पूरी तरह से रोक दिया है। इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-सूत्रीय गाजा शांति योजना के अंतर्गत युद्धविराम एवं बंधकों की रिहाई के समझौते को लेकर बातें की जा रही है।

दोनों के मध्य क्या हुई बातें ? :

खबरों का कहना है कि इजरायली पीएम नेतन्याहू के कार्यालय के एक बयान के मुताबिक, "पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी बंधकों की रिहाई के लिए हुए समझौते पर पीएम नेतन्याहू को शुभकामनाएं भी दी।" इजरायल के PMO ऑफिस ने X पर पोस्ट किया, "पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अभी-अभी भारत के पीएम से बात की। नरेंद्र मोदी ने सभी बंधकों की रिहाई के लिए हुए समझौते पर पीएम नेतन्याहू को बधाई दी।"

किसी भी रूप में आतंकवाद को नहीं मिलेगी स्वीकृति :

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने एक्स पर किए पोस्टमें लिखते हुए कहा है कि मैंने अपने मित्र, प्रधानमंत्री नेतन्याहू को राष्ट्रपति ट्रम्प की गाजा शांति योजना के अंतर्गत हुई प्रगति पर शुभकामनाएं देने के लिए फोन किया। हम बंधकों की रिहाई एवं गाज़ा के लोगों को बढ़ी हुई मानवीय सहायता पर हुए समझौते को भी स्वीकार किया। इस बात पर ज़ोर दिया कि विश्व  में कहीं भी किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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