पटना। नतीजों ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा संदेश दिया है। NDA ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बिहार की सत्ता में वापसी की है। NDA ने 202, महागठबंधन ने 35 और अन्य ने 6 सीटें जीती है। विश्लेषकों का कहना है कि इस बार जनता ने विकास, रोजगार, महिलाओं की सुरक्षा, और सामाजिक योजनाओं को ध्यान में रखकर मतदान किया है।
अब सबकी नज़रें नई सरकार के एजेंडा पर होंगी— क्या बिहार में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के क्षेत्र में बड़े फैसले होंगे? क्या भूमि सुधार और विकास कार्य तेज़ होंगे? जनता उम्मीद कर रही है कि नई सरकार राज्य को नई दिशा देगी। अब बात करते है मुख्यमंत्री के चहरे की तो साफ है बिहार की गद्दी पर नितीश कुमार ही बैठेंगे। नितीश 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। लगातार मुख्यमंत्री बने रहने का नितीश नया कीर्तिमान रचने जा रहे है। NDA की सरकार में वापसी के साथ ही सुगबुगाहट तेज हो गई थी की बिहार का मुख्यमंत्री कौन बनेगा लेकिन मोदी और नितीश की जोड़ी से यह साफ नजर आ गया था की केंद्र में मोदी तो बिहार में नितीश ही सत्ता संभालेंगे।
सूत्रों के हवाले से खबर है की बिहार के मंत्री मंडल का फार्मूला तय हो गया है। करीब 30-35 मंत्री शपथ ग्रहण करेंगे जिनमें भाजपा और JDU को बराबर मंत्रिमंडल मिलेगा। वहीं लोक जनशक्ति पार्टी को 3, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और RLM को 1-1 मंत्री पद दिया जा सकता है। वर्ष दो हजार से 2025 तक मुख्यमंत्री पद पर नितीश कुमार का सफर कई बार अपनी राह बदल चूका है। लेकिन फिर भी बिहार की जनता हर बार नितीश पर ही भरोसा जताती है। 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके नितीश 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे है। नितीश के साथ 30 से 35 मंत्री भी पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते है।
माना जा रहा है की भाजपा के दो उपमुख्यमंत्री बन सकते है, मंत्रिमंडल में भाजपा और JDU के बराबर मंत्री रहेंगे। शपथ ग्रहण का कार्यक्रम राजधानी पटना स्थित गांधी मैदान में होगा और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो सकते है। नयी सरकार के मंत्रीमंडल और शपथ ग्रहण को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।