पटना : बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाला शपथ ग्रहण समारोह बेहद भव्य होने वाला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और एनडीए के शीर्ष नेता शामिल होंगे। अनुमान है कि लाखों लोग इस ऐतिहासिक घटनाक्रम के साक्षी बनेंगे।
मंगलवार को एनडीए के दोनों प्रमुख दल जदयू और भाजपा की अलग-अलग विधायक दल की बैठकें हुईं। जदयू की बैठक मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर आयोजित की गई, जिसमें सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया। इसी तरह भाजपा विधायक दल की बैठक में सम्राट चौधरी को विधानमंडल दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता चुना गया। इसके बाद विधानसभा परिसर के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक हुई, जहां नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से नेता चुना गया।
नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी सौंपा, विधानसभा भंग की गई।
नीतीश कुमार के लिए यह क्षण ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि वे 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। 2010 के बाद पहली बार गांधी मैदान में शपथ ग्रहण का आयोजन हो रहा है, जिसके मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने कड़े इंतज़ाम किए हैं। कार्यक्रम कल सुबह 11:30 बजे शुरू होगा, जबकि प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 12:30 बजे उपस्थित होंगे।
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार के साथ 20 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है। एनडीए नेताओं को उम्मीद है कि यह सरकार बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिखेगी और राज्य के विकास को नई गति मिलेगी।
विजय कुमार सिन्हा का बयान :
भाजपा विधायक दल के उपनेता चुने जाने पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वे पार्टी नेतृत्व और सभी विधायकों के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन, समृद्धि और विकसित बिहार के संकल्प को साकार करने के लिए वे पूरी निष्ठा से काम करेंगे।
नई सरकार के गठन के साथ बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा और सभी की निगाहें कल होने वाले ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं।