आखिर किस मामले पर सीएम फडणवीस और उद्धव ठाकरे की हुई बंद कमरे में बैठक

Highlights मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच हुई बैठक। उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री और सभापति को भेंट की पुस्तक। सीएम फडणवीस और उद्धव की बैठक में हुई नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर चर्चा।

मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मध्य बंद कमरे में बैठक हुई। ये मीटिंग विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में ही पूरी हुई। दोनों नेताओं के साथ साथ कमरे में कोई अन्य व्यक्ति नहीं था। इतना ही नहीं सीएम फडणवीस और उद्धव ठाकरे के मध्य करीब 20 मिनट बंद कमरे में बातें हुई। हालांकि इस बैठक में हुई चर्चा की अब तक किसी भी तरह की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। 

उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री और विधान परिषद के सभापति को उपहार में पुस्तक :

खबरों का कहना है कि बंद कमरे में मीटिंग से पूर्व उद्धव ठाकरे ने अपने विधायक बेटे आदित्य ठाकरे के साथ सीएम देवेंद्र एवं विधान परिषद के सभापति राम शिंदे से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बीच उद्धव ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस और राम शिंदे को अलग-अलग संपादकों द्वारा मराठी भाषा और हिंदी की अनिवार्यता के संदर्भ में लिखे हुए संपादकीय और स्तंभ के संकलन की पुस्तक उपहार के तौर पर दी। 

खबरों का कहना है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता पद, त्रिभाषा फार्मूले एवं हिंदी अनिवार्यता को लेकर उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस के बीच गहन वार्ता हुई। हिंदी अनिवार्य क्यों है? यह पुस्तक उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को दे दी है। देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे से बोला है कि वे यह पुस्तक समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जाधव को भी दे दें।

नेता प्रतिपक्ष पद पर भी हुई चर्चा : 

मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार है, लेकिन  नेता प्रतिपक्ष का पद अब तक नहीं दिया गया है, वही इस मामले में उद्धव ठाकरे एवं आदित्य ठाकरे ने सीएम देवेंद्र के साथ  एन्टीचैंबर में वार्ता की गई, इस मौके पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के कई विधायक भी मौजूद थे।

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कल को उद्धव के सामने रखा था प्रस्ताव :

मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि इसके पूर्व बीते बुधवार यानी 16 जुलाई 2025 सीएम फडणवीस ने बोला है कि उद्धव ठाकरे "सत्ता पक्ष में एक अलग तरीके से आ सकते हैं।" इतना ही नहीं महाराष्ट्र विधानसभा को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने आगे कहा है कि वर्ष 2029 तक भारतीय जनता पार्टी के विपक्ष में आने की कोई गुंजाइश नहीं होगी। फडणवीस ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है "कम से कम 2029 तक हमारे वहां (विपक्ष) आने की कोई गुंजाइश नहीं है। इतना ही नहीं उद्धव जी इस तरफ (सत्ता पक्ष) आने की गुंजाइश के बारे में सोच सकते हैं और उस पर अलग तरीके से विचार भी किया जा रहा है, लेकिन हमारे वहां (विपक्ष) आने की कोई गुंजाइश नहीं रही है।" 

खबरों का कहना है कि शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन 2019 तक था लेकिन चुनाव जीतने के पस्चत सीएम पद को लेकर दोनों दलों के मध्य मतभेद हुए और दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पूरी तरह से टूट गया। उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी का दमन छोड़ दिया और कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार बना ली। 

Related News