नई दिल्ली : पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने भारत को लेकर दिए अपने ताज़ा बयान में एक बार फिर भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत से अपनी चिंता और ईर्ष्या दोनों जाहिर कर दी है। इस्लामाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम बैलेंसिंग रिलेशनशिप बिटवीन ग्लोबल नार्थ एंड ग्लोबल साउथ: चैलेंज एंड ऑपर्च्युनिटीज को संबोधित करते हुए जनरल मिर्जा ने भारत को ग्लोबल साउथ का महत्वपूर्ण देश और वर्ल्ड ऑर्डर में अहम खिलाड़ी बताया, लेकिन साथ ही उसे साम्राज्यवादी और विस्तारवादी राष्ट्र कहकर निशाना भी बनाया। जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने कहा, भारत ग्लोबल साउथ का महत्वपूर्ण हिस्सा है और एक महात्वाकांक्षी देश के रूप में वर्ल्ड ऑर्डर में अहम भूमिका निभा रहा है।
अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने अपने सुर बदले और कहा कि भारत वर्चस्व (Hegemonism) और विस्तारवाद (Expansionism) की नीति अपनाता है, और यह संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों व मानवाधिकारों की अवहेलना करता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ग्लोबल साउथ के भीतर एक ट्रोजन हॉर्स की तरह है, जो इन देशों की आकांक्षाओं के विरुद्ध काम करता है।
भारत को ‘मध्यस्थता’ का सुझाव देकर खुद के विरोधाभास में फंसे जनरल :
जनरल मिर्जा ने अपने भाषण में यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ विवाद सुलझाने के लिए तीसरे देश की मध्यस्थता का स्वागत करता है। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष या अंतरराष्ट्रीय संस्था की भूमिका जरूरी है। हम ऐसे किसी भी प्रयास का स्वागत करेंगे। इस पर विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान पाकिस्तान की कूटनीतिक कमजोरी को उजागर करता है, क्योंकि भारत बार-बार कह चुका है कि उसके पड़ोसी के साथ सभी मुद्दे द्विपक्षीय हैं और किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।
भारत की सेना पर आरोप, खुद की हकीकत भूले पाक जनरल :
जनरल मिर्जा ने भारत पर आरोप लगाया है कि भारत की राजनीति सैन्यीकृत हो चुकी है और सेना का राजनीतिकरण बढ़ गया है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है। यह बयान ऐसे देश के जनरल का है, जहां अब तक कोई भी चुनी हुई सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी और जहां सेना ने बार-बार सत्ता पर कब्जा किया है।
ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र, पर चीन की नाकामी पर चुप्पी :
जनरल मिर्जा ने इस बारें में कहा है कि भारत प्रभुत्व के लिए सैन्य शक्ति और पश्चिमी समर्थन का उपयोग करता है, और यह भी कहा कि अगली लड़ाई कश्मीर तक सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के संघर्ष का उल्लेख करते हुए दावा किया कि हमने 96 घंटे अपने संसाधनों पर लड़ाई लड़ी। हालांकि, उन्होंने यह बताना जरूरी नहीं समझा कि उस ऑपरेशन में चीनी हथियार और मिसाइलें बुरी तरह विफल रहीं और पाकिस्तान को करारी हार झेलनी पड़ी थी।
ग्लोबल साउथ में भारत की बढ़ती भूमिका से बौखलाया पाकिस्तान :
दरअसल, पाकिस्तान का यह बयान भारत की वैश्विक कूटनीतिक सफलता और ग्लोबल साउथ में बढ़ती नेतृत्व भूमिका के प्रति उसकी हताशा को दर्शाता है। ग्लोबल साउथ उन विकासशील देशों का समूह है जो एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ओशिनिया में स्थित हैं। भारत इस समूह का प्रमुख नेतृत्वकर्ता है और उसने 2023 में G20 की अध्यक्षता के दौरान इन देशों के मुद्दों जलवायु न्याय, वित्तीय समानता और तकनीकी सहयोग को वैश्विक एजेंडा में शामिल कराया। भारत ने G-77 और नॉन-अलाइन्ड मूवमेंट (NAM) जैसे मंचों के जरिये ग्लोबल साउथ की आवाज़ को सशक्त किया है। अपनी डिजिटल प्रौद्योगिकी, वैक्सीन कूटनीति और नवीकरणीय ऊर्जा के ज़रिये भारत ने विकासशील देशों को मजबूत साझेदारी दी है।
जनरल मिर्जा का बयान यह साबित करता है कि पाकिस्तान न केवल भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा से असहज है, बल्कि अपने अंदरूनी राजनीतिक संकट और आर्थिक अस्थिरता को छिपाने के लिए भारत-विरोधी बयानबाज़ी का सहारा ले रहा है। जहां भारत ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनकर नया विश्व क्रम गढ़ रहा है, वहीं पाकिस्तान अपने ही विरोधाभासी बयानों में उलझा दिखाई दे रहा है।