संसद में गूंज उठा जी राम जी ! मनरेगा की जगह अब V-B G RAM G

Highlights जी राम जी के नाम से जाना जाएगा मनरेगा। सरकार की नाम बदलने की ये सनक समझ नहीं आती है : प्रियंका गांधी। इस बिल को लेकर सदन में मचा हंगामा।

दिल्ली। लोकसभा में कल 16 दिसंबर 2025 को केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ऐतिहसिक बिल पेश किया, जिसका नाम "विकसित भारत - गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण" यानि "V-B G RAM G" रखा गया है। ये बिल दो दशक पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार अधिनियम यानी मनरेगा की जगह लेगा। जानकारी के लिए बता दें की इस योजना को UPA सरकार ने 2005 में शुरू किया था, जहां सरकार ने 100 दिनों के भीतर रोज़गार उपलब्ध कराने की बात कही थी। हालांकि वक़्त आगे बढ़ने के साथ इसमें कई तरह की अनियमितताएं भी सामने आने लगी थी। इस बिल को पेश करते ही विपक्ष ने भारी हंगामा किया।

शिवसेना (UBT) ने तंज कसते हुए कहा की अब ये सरकार नोटों से भी बापू की तस्वीर को हटा देगी। कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर ने भी कटाक्ष करते हुए कहा, "देखो ओ दीवानों तुम ये काम न करो, राम को यूँ ही बदनाम न करो।" प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी विरोध करते हुए कहा की सरकार की नाम बदलने की ये सनक समझ नहीं आती है। इस पर शिवराज सिंह चौहान ने बचाव करते हुए कहा, "बापू हमारे दिलों में बसते हैं, हम उनका पूरा सम्मान करते हैं और बापू तो कहते ही थे राम राज्य। श्रीराम हमारे रोम रोम में बसें है और बिना राम के यह देश जाना नहीं जा सकता है।" इस नए बिल का सबसे ज़रूरी पहलू ये है की अब ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों के बजाय 125 दिनों के रोज़गार की क़ानूनी गारंटी मिलेगी। यदि आवेदन के 15 दिनों के भीतर काम नहीं मिला तो सरकार द्वारा भत्ता भी प्रदान किया जायेगा। काम में ईमानदारी रहे, इसके लिए अंगूठे के निशान (Biometric) से हाजिरी लगाई जायेगी।

अब ग्राम पंचायतें खुद तय करेंगी की उनके यहां क्या विकास होना चाहिए। इसके लिए नई तकनीकों की मदद ली जायेगी। ये केंद्र द्वारा संचालित योजना होगी, जिसमें पहाड़ी राज्यों को 90% और अन्य राज्यों को 60% पैसा दिया जायेगा। राज्यों को भी 10% से 40% पैसा देना होगा। बुवाई और कटाई के दौरान मज़दूरों की कमी न हो, इसके लिए सरकार 60 दिनों तक काम रोक सकती है, ताकि वे खेतों में जाकर मदद कर सके। पानी बचाने, पक्की सड़कें बनाने और मौसम की मार (बाढ़ और सूखे) से बचने जैसी ज़रूरी बातों पर भी ध्यान दिया जायेगा। ये बिल 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में ग्रामीण विकास को तकनीक आधारित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि इस बिल को लेकर आज भी सदन में हंगामा होने की संभावना है।

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