साउथ अफ्रीका की यात्रा पर पीएम मोदी, भारतीय मूल के टेक उद्यमियों से की मुलाकात

Highlights प्रधानमंत्री मोदी ने की जोहान्सबर्ग में भारतीय मूल के टेक उद्यमियों के साथ विस्तृत बातचीत। उद्यमियों ने फिनटेक, हेल्थकेयर, शिक्षा, कृषि और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपने प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए। प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे भारत के साथ तकनीकी सहयोग और जुड़ाव बढ़ाने का आग्रह किया।

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारतीय मूल के टेक उद्यमियों के साथ एक विशेष और “फलदायी बातचीत” की। यह मुलाकात कई तकनीकी क्षेत्रों में उनके नवाचार, वैश्विक प्रभाव और भारत के साथ उनके संबंधों को मजबूत बनाने पर केंद्रित रही। बैठक का उद्देश्य भारत और ग्लोबल टेक कम्युनिटी के बीच सहयोग के नए अवसर तलाशना था।

तकनीक से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक कई क्षेत्रों पर हुई बातचीत :

इस बातचीत में शामिल उद्यमियों ने प्रधानमंत्री को अपने-अपने क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। चर्चा में फिनटेक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, मेडिकल डिवाइस, डिजिटल इनोवेशन और अन्य उभरते क्षेत्रों पर फोकस रहा।

पीएम मोदी ने उद्यमियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि तकनीक भारत के विकास मॉडल का प्रमुख स्तंभ बन चुकी है। उन्होंने इन नवोन्मेषी उद्यमियों से भारत के साथ अपने सहयोग को और गहरा करने की अपील की और कहा कि भारतीय युवाओं, व्यवसायों और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर काम करने से वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पैदा होगा।

टेक उद्यमियों से पीएम मोदी की अपील :

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट कर मुलाकात की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि टेक उद्यमियों ने अपने अभिनव कार्यों के बारे में बताया और उन्होंने सभी से कहा कि भारत के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत करें। पीएम ने कहा कि भारत नवाचार, डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है और ऐसे में वैश्विक भारतीयों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

 

‘एक्सप्लर्जर’ के संस्थापक जतिन भाटिया भी बैठक में शामिल :

इस मुलाकात में कुल आठ भारतीय मूल के टेक उद्यमियों को आमंत्रित किया गया था। इनमें ट्रैवल-आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्सप्लर्जर’ (Expulger) के संस्थापक जतिन भाटिया भी शामिल थे। उन्होंने 2021 में भारत में इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत की थी और आज यह ऐप दुनिया के 75 देशों के 2 करोड़ से अधिक यूज़र्स को जोड़ रहा है।

भाटिया ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे पर्यटन और तकनीक को जोड़ने के मॉडल के बारे में गहन सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की बातचीत एक टेक उद्यमी की तरह थी—विजनरी, सीधी और तकनीक-केंद्रित।

भाटिया ने कहा, “हमें ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि हम किसी राजनीतिक नेता से बात कर रहे हैं। वे बिल्कुल एक साथी टेक-फाउंडर की तरह संवाद कर रहे थे।”

पर्यटन और तकनीक मोदी की प्रमुख प्राथमिकता :

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र को तकनीक के माध्यम से मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि भारत में पर्यटन को नई ऊंचाई देने के लिए डिजिटल इनोवेशन बेहद महत्वपूर्ण है—चाहे वह ट्रैवल ऐप हों, एआई-आधारित सेवाएं, डिजिटल मैपिंग या सोशल मीडिया प्रमोशन।

उद्यमियों ने भी बताया कि भारत की टेक-फ्रेंडली इकोसिस्टम ने वैश्विक स्तर पर बड़ी कम्युनिटी को जोड़ने में मदद की है, और भारत भविष्य में टेक सेक्टर में और बड़े स्तर पर नेतृत्व कर सकता है।

जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत की बड़ी भूमिका :

प्रधानमंत्री मोदी 21 से 23 नवंबर तक जोहान्सबर्ग में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। यह पहली बार है जब कोई जी-20 सम्मेलन अफ्रीकी महाद्वीप पर आयोजित हो रहा है। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ग्लोबल साउथ से जुड़े मुद्दों, विकासशील देशों की चुनौतियों और भारत की भूमिका पर चर्चा करेंगे।

यह दक्षिण अफ्रीका की उनकी चौथी आधिकारिक यात्रा है। इससे पहले वे 2016 में द्विपक्षीय यात्रा और 2018 व 2023 में ब्रिक्स सम्मेलनों में शामिल हो चुके हैं।

ग्लोबल साउथ के लिए लगातार चौथा जी-20 सम्मेलन :

अफ्रीका की अध्यक्षता वाले इस जी-20 सम्मेलन का थीम “सॉलिडैरिटी, इक्वालिटी, सस्टेनेबिलिटी” है। इससे पहले 2022 में इंडोनेशिया, 2023 में भारत और 2024 में ब्राजील ने इसकी मेजबानी की थी।

जी-20 समूह दुनिया की 85% GDP और 75% वैश्विक व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है—ऐसे में दक्षिण अफ्रीका का सम्मेलन वैश्विक सहयोग के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जोहान्सबर्ग में टेक उद्यमियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की यह विशेष मुलाकात भारत की वैश्विक तकनीकी नेतृत्व को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस संवाद ने न केवल भारत के टेक विजन को रेखांकित किया, बल्कि प्रवासी भारतीय उद्यमियों को भारत के विकास में योगदान देने के लिए नए अवसर भी प्रदान किए।

Related News