अभी तो राजा रघुवंशी के कत्ल का मामला ठीक से खत्म ही नहीं हुआ था और अभी एक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आ गया है। दरअसल यूपी के निवासी कौशलेंद्र प्रताप सिंह अपनी पत्नी अंकिता के साथ हनीमून के लिए सिक्किम गए थे, लेकिन अब तक उन ये कपल घर वापस नहीं आया है। कौशलेंद्र प्रताप सिंह एवं अंकिता सिंह की विवाह 5 मई को हुई थी। वहीं 24 मई को ये कपल घर से सिक्किम के लिए निकला था। लेकिन सिक्किम पहुंचने के पश्चात उनकी कार एक हादसे का शिकार हो गई एवं भूस्खलन प्रभावित मंगन जिले में तीस्ता नदी में 1,000 फीट नीचे जा गिरी। खबरों से इस बारें में जानकारी मिली है कि जिस कार में ये नवविवाहित जोड़ा सवार था वह कार लोचन-लाचुंग राजमार्ग पर मुन्सिथांग के पास कार सड़क से नीचे की तरफ फिसल गई। उनके साथ यात्रा कर रहे 9 अन्य लोगों में से एक की मौके पर ही मौत हो गई एवं इस हादसे में 2 अन्य लोग घायल हुए, लेकिन 8 यात्री अब भी लापता बताए जा रहे है।
बेटे और बहू को खोजने सिक्किम पहुंचे पिता :कौशलेंद्र प्रताप सिंह के पिता शेर बहादुर सिंह अपने पुत्र और बहु की तलाश में सिक्किम में है, नहीं ही नहीं बहादुर सिंह ने वीडियो सन्देश के जरिए हाथ जोड़कर खास अपील करते हुए बिओला है कि "सिक्किम में एक नाले में वाहन गिरने के बाद मेरा बेटा और बहू लापता हैं। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करता हूं कि वे अपने सिक्किम समकक्ष से खोज और बचाव अभियान में तेजी लाने का अनुरोध करें।" उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए ये भी कहा है कि जब तब वह उन्हें ढूंढ नहीं लेते, वह अपने घर वापस नहीं जाने वाले। इस पर शेर बहादुर सिंह का ये मानना है कि यहां हमारा 8वां दिन है। हम कई बार घटनास्थल के पास गए। घटनास्थल से जो भी चीजें मिली है, उनमें से कुछ भी मेरे बेटे और उसकी पत्नी का नहीं है। जब तक मैं उन्हें नहीं ढूंढ लेता, मैं घर नहीं लौटूंगा। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे मेरे बेटे और बहू के जीवन के लिए प्रार्थना करें।"
लापता आठ पर्यटकों की खोज में NDRF, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, वन विभाग, पर्यटन विभाग, TAS (सिक्किम के ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन) और पुलिस के कर्मियों द्वारा अब भी जारी है। हालांकि, खराब मौसम बचाव कार्य में बड़ी बाधा बना हुआ है।
अब तक नहीं मिल पाया लापता लोगों का कोई सुराग :घटनास्थल मौजूद अधिकारी ने इस बारें में जानकारी दी है कि लापता लोगों का अब तक कोई भी सुराग हाथ नहीं आया, उन्होंने अपनी बात को जारी रहते हुए कहा है कि नदी के निचले इलाकों में व्यापक खोज की गई, लेकिन उनका पता नहीं चल सका। इस गाड़ी में लगभग 11 लोग सवारी कर रहे थे जिनमे से दो लोगों की पहचान ओड़िशा में रहने वाले स्वयं सुप्रतिम नायक और साईराज जेना के नाम से हुई है, जिन्हे दुर्घटना की रात ही बचा लिया गया। अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है कि लापता आठ पर्यटकों में से चार ओडिशा के हैं तथा दो-दो त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश के हैं।
उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि लापता आठ पर्यटकों की पहचान ओडिशा निवासी अजीत कुमार नायक, सुनीता नायक, साहिल जेना और इतिश्री जेना, त्रिपुरा निवासी देबज्योति जॉय देव और स्वप्ननील देब एवं यूपी के निवासी कौशलेंद्र प्रताप सिंह और अंकिता सिंह के रूप में हुई है। चालक की पहचान उत्तरी सिक्किम के सिंघिक निवासी पासांग डेनु शेरपा के रूप में हुई है।