विदेशी पर्व का भारत के Gen-Z के बीच बढ़ा क्रेज, जानिए क्या होता है हैलोवीन

Highlights अक्टूबर माह के अंतिम दिन मनाया जाता है हैलोवीन। भारत में युवाओं और Gen-Z के बीच बढ़ रहा हैलोवीन का क्रेज़ । यूरोप के प्राचीन सेल्टिक समुदाय ने की हैलोवीन की शुरुआत।

नई दिल्ली: हर साल 31 अक्टूबर को दुनियाभर में मनाया जाने वाला हैलोवीन (Halloween) अब सिर्फ डर और भूतों की कहानियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह आज के दौर में कला, फैशन और आत्म-अभिव्यक्ति का प्रतीक बन चुका है। इस दिन को “All Hallows’ Eve” यानी “All Saints Day” की पूर्व संध्या के रूप में मनाया जाता है।

प्राचीन परंपरा से आधुनिक रंगों तक का सफर :

हैलोवीन की शुरुआत करीब 2000 साल पहले यूरोप के प्राचीन सेल्टिक समुदाय (Celtic Festival Samhain) से हुई थी। उस समय यह फसल कटाई के बाद सर्दियों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता था। मान्यता थी कि 31 अक्टूबर की रात मृत आत्माएं पृथ्वी पर लौटती हैं। इसलिए लोग मुखौटे पहनते, अलाव जलाते और आत्माओं को शांत करने के लिए भोजन रखते थे।

बाद में जब ईसाई धर्म का प्रसार हुआ तो 1 नवंबर को All Saints’ Day घोषित किया गया और उससे एक दिन पहले की रात “All Hallows’ Eve” कहलाने लगी, जो आगे चलकर “Halloween” बन गया। समय के साथ यह पर्व भय से उत्सव की ओर बढ़ता गया और आज यह डर को मज़े, कला और कल्पनाशक्ति में बदलने का अवसर बन चुका है।

भारत में बढ़ रहा है हेलोवीन का क्रेज :

भारत में हेलोवीन कोई पारंपरिक त्योहार नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया, हॉलीवुड फिल्मों और ग्लोबल पॉप कल्चर के असर से यह युवाओं, खासकर Gen-Z के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।मेट्रो शहरों में कॉलेज, ऑफिस, रेस्टोरेंट और कैफे अब हैलोवीन थीम पर सजते हैं। लोग कॉस्ट्यूम पार्टियां, Trick-or-Treat गेम्स और Spooky Makeup Challenges जैसे ट्रेंड्स अपनाते हैं।

अब ब्रांड्स भी इस मौके को मार्केटिंग फेस्टिवल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं - फूड ब्रांड्स Pumpkin Specials पेश करते हैं, फैशन ब्रांड्स Dark Glam Looks लॉन्च करते हैं, वहीं टेक कंपनियां AI Ghost Filters तक पेश कर रही हैं।

Gen-Z के लिए डिजिटल एक्सप्रेशन का दिन :

आज की पीढ़ी के लिए हेलोवीन सिर्फ डराने का नहीं, बल्कि डिजिटल कंटेंट बनाने का दिन बन गया है।Instagram, Snapchat और TikTok पर SpookySeason, 31OctVibes, और GhostFilter जैसे हैशटैग लाखों पोस्ट्स के साथ ट्रेंड कर रहे हैं।

अब कॉस्ट्यूम्स सिर्फ हॉरर नहीं बल्कि पॉप-कल्चर और एस्थेटिक थीम्स से प्रेरित होते हैं — जैसे Wednesday Addams, Barbie, Taylor Swift Era, या Bollywood Horror Icons। Gen-Z के लिए यह दिन रील्स, फोटो डंप्स और मीम्स के जरिए अपनी पहचान दिखाने का माध्यम बन गया है। हैलोवीन अब सिर्फ “भूतों का दिन” नहीं, बल्कि एक ऐसा उत्सव है जो डर को आत्मविश्वास, कला और रचनात्मकता में बदल देता है — जहां डराने से ज़्यादा खुद को व्यक्त करना अहम हो गया है।

Related News