अगर आप आने वाले साल में वाइल्डलाइफ ट्रिप की योजना बना रहे हैं, तो मध्य प्रदेश को अपनी यात्रा सूची में सबसे ऊपर रखना चाहिए। दुनिया की प्रतिष्ठित ट्रैवल मैगज़ीन ट्रैवल प्लस लीजर ने हाल ही में अपनी “50 बेस्ट प्लेसेज़ टू ट्रैवल इन 2026” लिस्ट जारी की है, जिसमें मध्य प्रदेश को दुनिया भर के बेहतरीन डेस्टिनेशन्स के बीच एक विशेष स्थान मिला है। यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि भारत का यह हृदय प्रदेश अब वैश्विक ट्रैवलर्स की प्राथमिकताओं में मजबूती से जगह बना रहा है।
नेचर लवर्स कैटेगरी में मध्य प्रदेश की खास पहचान :
ट्रैवल प्लस लीजर की यह लिस्ट ग्लोबल ट्रैवल ट्रेंड्स के आधार पर बनाई जाती है। इसमें बीच वाइब्स, एडवेंचर, फूड एंड ड्रिंक, बिग सिटी थ्रिल्स, कल्चर एक्सपीरियंस, मोमेंट्स ऑन वाटर और नेचर लवर्स जैसी कैटेगरी शामिल होती हैं। मध्य प्रदेश को इस बार नेचर लवर्स कैटेगरी में जगह मिली है, जो राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध जैव विविधता की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है।प्राकृतिक जंगलों, विशाल लैंडस्केप, जीवंत जनजातीय संस्कृति और वाइल्डलाइफ अनुभवों के कारण दुनिया भर के पर्यटक अब भारत के इस हिस्से को अपनी ट्रैवल बकेट लिस्ट में शामिल कर रहे हैं।
भारत का टाइगर हार्टलैंड मध्य प्रदेश :
मध्य प्रदेश को लंबे समय से भारत का टाइगर स्टेट कहा जाता रहा है। यहां देश की सबसे बड़ी जंगली बाघ आबादी पाई जाती है, जो इसे दुनिया के प्रमुख टाइगर लैंडस्केप्स में शामिल करती है। इसके जंगल न केवल बाघों बल्कि तेंदुए, बारहसिंगा, वाइल्ड डॉग, गौर, भालू और दर्जनों पक्षी प्रजातियों के भी प्रमुख आवास हैं।
यहां आने वाला हर ट्रैवलर एक तरफ रोमांचक टाइगर सफारी का अनुभव लेता है, तो वहीं दूसरी ओर प्राचीन किलों, मंदिरों और जनजातीय कला-संस्कृति की झलक भी देख पाता है। वाइल्डलाइफ और हेरिटेज का ऐसा संतुलन भारत के बहुत कम क्षेत्रों में देखने को मिलता है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख टाइगर लैंडस्केप
1. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व :
बांधवगढ़ को भारत में टाइगर देखने की सबसे अधिक संभावना वाले स्थानों में गिना जाता है। यहां घने जंगलों के बीच प्राचीन गुफाएं, ऐतिहासिक बांधवगढ़ किला और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य ट्रैवलर्स को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
2. कान्हा टाइगर रिजर्व :
कान्हा भारत का क्लासिक टाइगर लैंडस्केप माना जाता है। प्रसिद्ध “कान्हा घास” के विस्तृत मैदान, बाघ, तेंदुए और दुनिया में बची बारहसिंगा की सबसे बड़ी आबादी इसे बेहद खास बनाती है। यहां की जैव विविधता इसे ग्लोबल टूरिस्ट्स का पसंदीदा स्थल बनाती है।
3. पेंच टाइगर रिजर्व :
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फैला पेंच जंगल, रुडयार्ड किपलिंग की मशहूर किताब द जंगल बुक की प्रेरणा है। यहां टाइगर के साथ-साथ वाइल्ड डॉग, भालू और कई दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं। पेंच अपने शांत, खुले लैंडस्केप और फोटोग्राफी के लिए भी प्रसिद्ध है।
4. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व :
जो पर्यटक शांत वातावरण और इमर्सिव जंगल अनुभव पसंद करते हैं, उनके लिए सतपुड़ा सबसे अच्छा विकल्प है। यह भारत के उन कुछ रिजर्व्स में से है जहाँ वॉकिंग सफारी, कैनो राइड और बोट सफारी की सुविधा मिलती है। इससे जंगल का अनुभव और अधिक नज़दीकी और रोमांचक हो जाता है।
5. पन्ना टाइगर रिजर्व
खजुराहो के पास स्थित पन्ना अपनी “कमबैक स्टोरी” के लिए प्रसिद्ध है। एक समय लगभग खाली हो चुका यह पार्क अब सफल संरक्षण प्रयासों के कारण फिर से बाघों से गुलजार हो गया है। इसके सुन्दर झरने, केन नदी का किनारा और शांत वातावरण इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। इसके साथ ही कूनो नेशनल पार्क भी अब ट्रैवलर्स के बीच लोकप्रिय हो चुका है, खासकर भारत के चीता प्रोजेक्ट की वजह से यह और भी खास हो गया है।
टाइगर सफारी के लिए सही समय :
मध्य प्रदेश के अधिकतर टाइगर रिजर्व अक्टूबर मध्य से जून तक खुले रहते हैं। सफारी के लिए दो प्रमुख मौसम सबसे आदर्श माने जाते हैं :
नवंबर से फरवरी
मौसम सुहावना और ठंडा हरा-भरा जंगल फैमिली ट्रिप के लिए बेस्ट फोटोग्राफी के लिए शानदार समयमार्च से मई :
गर्मी अधिक, लेकिन टाइगर साइटिंग का सबसे बेहतरीन समय।
जानवर पानी के सोर्स पर अधिक दिखाई देते हैं :
मध्य प्रदेश की वाइल्डलाइफ अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के यात्रियों को आकर्षित कर रही है। ट्रैवल प्लस लीजर की 2026 सूची में शामिल होना राज्य की प्राकृतिक धरोहर, संरक्षण प्रयासों और पर्यटन क्षमता की वैश्विक स्वीकार्यता को और मजबूत करता है। यह उपलब्धि न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे भारत के वाइल्डलाइफ टूरिज़्म के लिए एक बड़ा सम्मान है।