बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, अवमानना के मामले में 6 महीने जेल की सजा

Highlights बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की बढ़ी मुश्किलें। गोबिंदगंज उपजिला चेयरमैन शकील बुलबुल के साथ शेख हसीना की बातों की ऑडियो क्लिप हुई वायरल। शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद के हटाने के बाद बांग्लादेश में हुआ था हिंसक प्रदर्शन।

ढाका: बीते कुछ दिनों से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें और भी अधिक बढ़ गई है। इतना ही नहीं अदालत ने उन्हें अब अवमानना केस में दोषी बताया है, बांग्लादेशी मीडिया का इस बारें में कहना है कि उन्हें 6 माह की जेल सुनाई गई है, इंटरनेशनल क्राइम न्यायाधिकरण ने सजा का फैसला सुनाया है, वहीं बुधवार यानी 2 जुलाई  2025 को तीन सदस्यों वाली पीठ ने इस केस पर सुनवाई करते हुए अपना निर्णय दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मजूमदार ने शेख हसीना के केस को लेकर सुनवाई की। बीते वर्ष शेख हसीना की एक ऑडियो क्लिप वायरल हो गई थी। इतना ही नहीं शेख हसीना की लीक हुई इस क्लिप में  गोबिंदगंज उपजिला चेयरमैन शकील बुलबुल के साथ बात कर रही थी। इस क्लिप में उन्होंने बोला था कि, मेरे विरुद्ध 227 केस दर्ज किए गए है, मुझे इन लोगों को मारने का लाइसेंस मिल चुका है। 

शकील बुलबुल को पहले ही अदालत ने सुनाई थी सजा : 

रिपोर्ट्स की माने तो अदालत की अवमामना के केस में शकील बुलबुल को 2 माह की जेल हुई थी, बुलबुल ढाका की पोलिटिकल हस्ती के नाम से जाने जाते है, अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) के साथ जुड़ी थी। 

बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन : 

शेख हसीना को अगस्त के माह यानी 2024 पद से हटाया गया था, इसके पश्चात स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) के पश्चात बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, वहीं ये प्रोटेस्ट गवर्नमेंट जॉब्स में कोटा सुधारों की मांग के लिए शुरू हुआ, लेकिन कुछ समय के पश्चात ये बहुत ही ज्यादा हिंसक हो गया था, इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट्स के अनुसार जुलाई के मध्य से अगस्त के मध्य तक लगभग 1400 लोगों की जान चली गई थी। 

मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना देश को छोड़कर भारत चलीं गई, उनके कई पूर्व मंत्री एवं अधिकारी प्रदर्शन के बीच उठाए गए कदम के कारण से क़ानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे है, इतना ही नहीं शेख हसीना  के जाने के लगभग 3 दिनों के पश्चात ही मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश के अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त कर दिया गया।

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